नम आंखों से पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य को दी गयी अंतिम विदाई

पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य को राज्य के लोगों ने नम आंखों से अंतिम विदाई दी.

By Prabhat Khabar News Desk | August 9, 2024 10:05 PM

कोलकाता. पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य को राज्य के लोगों ने नम आंखों से अंतिम विदाई दी. शुक्रवार को पीस वर्ल्ड से उनका पार्थिव शरीर विधानसभा ले जाया गया, जहां तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी, विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी, विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी सहित राज्य के मंत्रियों के साथ-साथ सत्तारूढ़ व विपक्षी पार्टी के विधायकों ने पूर्व मुख्यमंत्री को श्रद्धांजलि अर्पित की. विधानसभा में कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम, ऊर्जा मंत्री अरूप विश्वास और कृषि मंत्री शोभनदेब चट्टोपाध्याय ने माकपा के दिग्ग्ज नेता को पुष्पांजलि अर्पित की. साथ ही पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार और कोलकाता पुलिस आयुक्त विनीत गोयल ने पूर्व मुख्यमंत्री को श्रद्धांजलि दी. कांग्रेस के पूर्व विधायक असित मित्रा, वाममोर्चा के अध्यक्ष बिमान बसु, माकपा के वरिष्ठ नेता सूर्यकांत मिश्रा व रोबिन देब भी वहां उपस्थित थे. विधानसभा के बाद पूर्व मुख्यमंत्री का पार्थिव शरीर अलीमुद्दीन स्ट्रीट स्थित मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के राज्य मुख्यालय लाया गया, जहां पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में प्रकाश करात, वृंदा करात, मोहम्मद सलीम, बिमान बसु सहित अन्य नेताओं ने पूर्व माकपा नेता को श्रद्धांजलि अर्पित की. पार्टी मुख्यालय के बाद स्वर्गीय भट्टाचार्य के पार्थिव शरीर के साथ शोकयात्रा इंटाली स्थित दिनेश मजूमदार भवन पहुंची, जहां उन्हें अंतिम विदाई देने के लिए हजारों की संख्या में लोग पहुंचे थे. शोक संतप्त लोगों में से कुछ ने नम आंखों से, जबकि कई ने मुट्ठी बांधकर लाल सलाम के जरिये स्वर्गीय भट्टाचार्य को श्रद्धांजलि दी. इनमें कई लोग भट्टाचार्य की तस्वीरों के साथ भी नजर आये. राहुल ने मीरा को पत्र लिखकर संवेदना जतायी कोलकाता. पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य के निधन के बाद कांग्रेस के महासचिव व विरोधी दल के नेता राहुल गांधी ने स्वर्गीय भट्टाचार्य की पत्नी मीरा भट्टाचार्य को पत्र भेजकर संवेदना प्रकट की है. उन्होंने लिखा है कि भारत ने ऐसे एक व्यक्ति को खोया है, जिसकी इच्छा व दूरदृष्टि ने पश्चिम बंगाल को नया रूप दिया. वह लिखते हैं कि नीति व आदर्श की सीमा को बरकरार रखते हुए तमाम प्रतिकूल स्थितियों को मुकाबला कर उन्होंने बंगाल के विकास के नये अध्याय की शुरुआत की थी. मीरा भट्टाचार्य को भेजे गये पत्र में राहुल ने उनकी मेधा व उदार मानसिकता का भी उल्लेख किया है.

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