फर्जी सर्टिफिकेट बनाने वाले गिरोह का मुख्य सरगना अरेस्ट
फर्जी सर्टिफिकेट बनाने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए पुलिस ने मुख्य सरगना को गिरफ्तार किया है.
संवाददाता, कोलकाता विधाननगर पुलिस कमिश्नरेट के विधाननगर पूर्व थाने की पुलिस ने डीएलएड (डिप्लोमा इन एलीमेट्री एजुकेशन) का फर्जी सर्टिफिकेट बनाने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए मुख्य सरगना को गिरफ्तार किया है. पुलिस के मुताबिक, मूल आरोपी का नाम सुजीत सिकदर है. वह उत्तर 24 परगना के न्यू बैरकपुर का रहनेवाला है. वह बिराटी में एक ऑफिस चलाता था, जहां से वह डीएलए़ड से संबंधित फर्जी दस्तावेज तैयार करता था. इसके लिए लोगों से मोटी रकम वसूलता था. बताया जाता है कि पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के डेप्यूटी सेक्रेटरी डॉ पार्थ कर्मकार से मिली एक शिकायत के आधार पर जांच करते हुए पुलिस ने गिरोह का भंडाफोड़ किया.
श्री कर्मकार ने पिछले वर्ष चार मई 2023 को एक शिकायत दर्ज करायी. शिकायत के मुताबिक, उस दिन लगभग डेढ़ बजे से चार बजे के बीच पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के आचार्य प्रफुल्ला दफ्तर में एक साक्षात्कार समेत दस्तावेजों की जांच प्रक्रिया चल रही थी.इस दौरान अरबिंद मंडल और समीर सरकार नामक दो उम्मीदवार भी पहुंचे थे. उन्होंने डीएलएड प्रशिक्षण से संबंधित दस्तावेजों को पेश कर साक्षात्कार के लिए अपनी उम्मीदवारी का दावा किया. इस दौरान दस्तावेजों की जांच करने पर बोर्ड को पता चला कि डीएलएड प्रशिक्षण से संबंधित पंजीकरण प्रमाण पत्र, प्रवेश पत्र, मार्कशीट और डीएलएड प्रमाण पत्र जैसे सभी दस्तावेज फर्जी हैं, पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा जारी नहीं हैं. इसके बाद पुलिस को खबर दी गयी और पुलिस ने समीर को हिरासत में ले लिया. वहीं, अरबिंद मंडल बोर्ड कार्यालय से ही फरार हो गया. इसके बाद बोर्ड की ओर से विधाननगर पूर्व थाने में शिकायत दर्ज करायी गयी.
अब तक कुल पांच लोगों की हो चुकी है गिरफ्तारी
पुलिस का कहना है कि मामले की जांच शुरू की गयी, तो डीएलएड का फर्जी सर्टिफिकेट बनाने वाले गिरोह का पता चला. गिरफ्तार आरोपी से पूछताछ के बाद एक-एक कर पुलिस ने और तीन लोगों को गिरफ्तार किया. फिर अंत में सुजीत सिकदर का पता चला. न्यू बैरकपुर निवासी सुजीत बिराटी इलाके में एक ऑफिस खोलकर ऐसे ही फर्जी दस्तावेज तैयार करता था, जो मोटी रकम लेकर विभिन्न टीईटी उम्मीदवारों को डीएलएड. का जाली प्रमाण पत्र बनाकर देता था. पुलिस का कहना है कि वह लंबे समय से फरार था. अंत में मंगलवार को पुलिस ने उसे भी गिरफ्तार कर लिया. इस तरह से इस मामले में अब तक कुल पांच लोगों की गिरफ्तारी हुई है.
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