कॉलेजों में दाखिले में विलंब पर चिंता
उच्च माध्यमिक, सीबीएसई व आइसीएसई के नतीजे निकल चुके हैं, लेकिन अभी तक कॉलेजों में दाखिले को लेकर कोई स्पष्ट गाइडलाइन नहीं होने से कॉलेज के प्रिंसिपल काफी दुविधा में हैं. कॉलेज के प्रिंसिपलों के एक संगठन ने इसे लेकर शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु को पत्र लिखा है. ज्यादातर कॉलेजों में स्नातक प्रवेश शुरू नहीं हुआ है.
कोलकाता.
उच्च माध्यमिक, सीबीएसई व आइसीएसई के नतीजे निकल चुके हैं, लेकिन अभी तक कॉलेजों में दाखिले को लेकर कोई स्पष्ट गाइडलाइन नहीं होने से कॉलेज के प्रिंसिपल काफी दुविधा में हैं. कॉलेज के प्रिंसिपलों के एक संगठन ने इसे लेकर शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु को पत्र लिखा है. ज्यादातर कॉलेजों में स्नातक प्रवेश शुरू नहीं हुआ है. इस विषय में ऑल बंगाल प्रिंसिपल काउंसिल द्वारा लिखे गये पत्र में यह उल्लेख किया गया है कि सभी निजी (स्वायत्त) कॉलेजों और सरकारी सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक कॉलेजों ने अपनी प्रवेश पोर्टल खोल दी है और वे जल्द ही 2024-25 सत्र के लिए अपनी प्रवेश प्रक्रिया पूरी करने जा रहे हैं. लेकिन गवर्नमेंट कॉलेज इस मामले में बहुत पीछे हैं. संगठन की ओर से कहा गया है कि प्रवेश प्रक्रिया देर से शुरू होने के कारण कॉलेजों को पिछले साल नुकसान उठाना पड़ा था. काउंसिल के अध्यक्ष पूर्ण चंद्र माइति ने जानकारी दी कि पिछले शैक्षणिक सत्र में, उच्च शिक्षा विभाग ने प्रवेश पोर्टल खोलने का फैसला देर से किया. परिणामस्वरूप हम आज तक छात्रों की कमी से पीड़ित हैं, खासकर विज्ञान और आर्टस स्ट्रीम में.गौरतलब है कि राज्य उच्च शिक्षा विभाग ने पिछले साल जून में घोषणा की थी कि वह सेंट्रलाइज्ड प्रवेश पोर्टल शुरू नहीं कर पायेगा और कॉलेज अपनी व्यक्तिगत वेबसाइटों के माध्यम से छात्रों को प्रवेश दें. इस घोषणा के बाद कॉलेजों को काफी समस्या हुई थी. पिछले साल के प्रवेश के बाद कुछ विषयों में 75 प्रतिशत से अधिक सीटें खाली रह गयी थीं.
गौरतलब है कि मार्च में विभाग ने घोषणा की कि इस साल कॉलेज सेंट्रलाइज्ड ऑनलाइन प्रवेश पोर्टल के माध्यम से छात्रों को प्रवेश देंगे. मौजूदा दाखिला तंत्र में, स्नातक पाठ्यक्रम के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवार को व्यक्तिगत संस्थानों की वेबसाइटों या पोर्टल पर लॉग इन करना होगा और आवेदन करना होगा. प्रस्तावित प्रणाली में, एक विद्यार्थी एक ही पोर्टल पर लॉग इन करके कई कॉलेजों में आवेदन कर सकता है. हालांकि, विभाग ने तब से अभी तक कोई घोषणा नहीं की है और पोर्टल के लांच पर कोई स्पष्टता नहीं है. केवल रामकृष्ण मिशन कॉलेज, सेंट जेवियर्स कॉलेज और स्कॉटिश चर्च कॉलेज जैसे अल्पसंख्यक व स्वायत्त संस्थानों ने स्नातक प्रवेश प्रक्रिया शुरू की है. स्वायत्त कॉलेज और अल्पसंख्यक संस्थान पोर्टल के दायरे से बाहर हैं. काउंसिल ने उच्च शिक्षा विभाग से आग्रह किया है कि वह सेंट्रलाइज्ड प्रवेश पोर्टल को तुरंत खोले या कॉलेजों को विकेंद्रीकृत प्रणाली के माध्यम से प्रवेश प्रक्रिया शुरू करने की अनुमति दे. कई कॉलेज स्नातक प्रवेश के लिए अपनी दाखिला पोर्टल तैयार रख रहे हैं, क्योंकि 2024-25 शैक्षणिक वर्ष से केंद्रीकृत प्रवेश प्रणाली की शुरुआत पर सरकार की ओर से अभी तक कोई स्पष्टीकरण नहीं आया है. काउंसिल ने यह भी कहा है कि आदर्श आचार संहिता, जो लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के साथ ही लागू हो गयी है और चुनाव प्रक्रिया जारी रहने तक लागू रहेगी. लेकिन यह नियम पोर्टल शुरू करने में आड़े नहीं आता है. अगर विभाग केंद्रीकृत ऑनलाइन पोर्टल का प्रबंधन करने में विफल रहता है, तो विभाग अलग-अलग कॉलेजों को अपने स्वयं के प्रवेश पोर्टल खोलने की मंजूरी दे सकता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है