राज्य के 10 शहरों में स्वयं सहायता समूहों के लिए बनाये जायेंगे मॉल

राज्य सचिवालय नबान्न ने 10 शहरों में स्वयं सहायता समूहों के लिए भूमि की पहचान करने का निर्देश दिया है

By Prabhat Khabar News Desk | July 20, 2024 1:34 AM

ढाकुरिया में आत्मनिर्भर समूहों के लिए अलग से बनाया गया है मॉल

संवाददाता, कोलकाता

राज्य सचिवालय नबान्न ने 10 शहरों में स्वयं सहायता समूहों के लिए भूमि की पहचान करने का निर्देश दिया है, जहां पांच मंजिला शॉपिंग मॉल तैयार किये जायेंगे. इस योजना के तहत कोलकाता के ढाकुरिया इलाके में आत्मनिर्भर समूहों के लिए अलग से मॉल तैयार किया गया है. यह पांच मंजिला शॉपिंग मॉल पूरी तरह से स्वयं सहायता समूहों के लिए बनाया गया है. इसी विचार को ध्यान में रखते हुए कोलकाता के ढाकुरिया के पास बंगाल के आत्मनिर्भर समूहों के लिए एक अलग मॉल खोला जा रहा है.

सचिवालय द्वारा 12 जुलाई को एक वर्चुअल बैठक में जिलाधिकारियों को राज्य सरकार के फैसले के बारे में सूचित किया गया था. इसके बाद मुख्य सचिव भगवती प्रसाद गोपालिका ने जिलाधिकारियों को सूचित कर जमीन चिह्नित करने के लिए शीघ्र प्रस्ताव भेजने का निर्देश दिया. इनमें आसनसोल, दुर्गापुर, बर्दवान, सिलीगुड़ी, जलपाईगुड़ी, बहरमपुर, दीघा, मेदिनीपुर, मालदा, चंदननगर शामिल हैं. वर्तमान में राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में 12,05,946 स्वयं-सहायता समूह (एसएचजी) हैं. सदस्यों की संख्या एक करोड़ 22 लाख से अधिक है. ये सभी महिलाएं हैं.

वहीं, शहरी क्षेत्रों में भी कई लाख स्वयं सहायता समूह हैं. उनकी मुख्य समस्या मार्केटिंग है. स्वयं सहायता समूहों के काम की शुरुआत में अपने उत्पादों को बाजार में उतारने के लिए सरकारी पहल के तहत एक ब्रांड बनाने की बात कही गयी थी. लेकिन काम ज्यादा आगे नहीं बढ़ सका. पर्यटक केंद्रित जिलों के राज्य में अपने बाजार बनाने के भी प्रस्ताव थे. अगर यह मॉल कोलकाता के केंद्र में बनाया जाये, तो भी यह पर्याप्त नहीं है.

इसलिए जिलों में मॉल बनाये जायें, जहां केवल स्वयं सहायता समूह के ही उत्पाद हों. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राज्य के हथकरघा, कपड़ा और हस्तशिल्प का प्रदर्शन करना चाहती हैं. यही कारण है कि विश्व बांग्ला कन्वेंशन सेंटर शोकेस पश्चिम बंगाल पूजा से पहले दुबई में आयोजित किया जा रहा है. यह 20 सितंबर से छह अक्टूबर तक चलेगा. वहीं हिडको ने अलीपुर जेल संग्रहालय के पास में एक मॉल बनाया है. जहां बंगाल के हस्तशिल्प, बुनाई और चमड़ा उद्योग से संबंधित जारी जानकारी उपलब्ध है.

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