Mamata Banerjee : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने राज्यपाल सीवी आनंद बोस द्वारा उनके खिलाफ दायर मानहानि मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट की सिंगल बेंच के आदेश को डिविजन बेंच में चुनौती दी है. अगले सप्ताह मामले पर सुनवाई होने की संभावना है. तृणमूल कांग्रेस के दो नवनिर्वाचित विधायकों के शपथ ग्रहण से जुड़े विवाद पर ममता बनर्जी ने कुछ ‘विवादित’ टिप्पणियां की थीं, जिसके खिलाफ राज्यपाल ने हाईकोर्ट का रुख किया है.राज्यपाल डॉ सीवी आनंद बोस ने कलकत्ता हाईकोर्ट में मुख्यमंत्री के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया है.
कोर्ट ने 14 अगस्त तक राज्यपाल के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी नहीं करने का दिया अंतरिम निर्देश
इस मामले में तृणमूल के दो विधायकों सायंतिका बनर्जी, रेयात हुसैन सरकार और तृणमूल नेता कुणाल घोष को भी शामिल किया गया है. कलकत्ता हाईकोर्ट के जस्टिस कृष्णा राव ने मंगलवार को राज्यपाल डॉ सीवी आनंद बोस के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर मंगलवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सहित अन्य तृणमूल कांग्रेस नेताओं को इस प्रकार की टिप्पणियों से परहेज करने को कहा था.जज ने इस मामले में ममता सहित चारों तृणमूल नेताओं को 14 अगस्त तक राज्यपाल के खिलाफ सार्वजनिक रूप से कोई भी आपत्तिजनक या गलतबयानी नहीं करने का अंतरिम निर्देश भी दिया है.
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क्या है मामला
उल्लेखनीय है कि ममता बनर्जी ने राज्यपाल डॉ बोस पर लगे कथित यौन शोषण के आरोपों के बाद 27 जून को विवादित टिप्पणी की थी और इसलिए, उन्होंने विधायकों का शपथ ग्रहण विधानसभा में कराने की मांग की, जबकि राज्यपाल राजभवन में शपथ ग्रहण समारोह आयोजित करने के पक्ष में थे.ममता बनर्जी के विवादित बयान के बाद राज्यपाल ने मुख्यमंत्री, तृणमूल नेता कुणाल घोष और दो विधायकों सायंतिका बनर्जी और रेयात हुसैन सरकार के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था. पूरा विवाद राज्यपाल पर लगे यौन शोषण के आरोपों और पिछले महीने तृणमूल के दो विधायकों के शपथ ग्रहण समारोह स्थल को लेकर विवाद से जुड़ा है.
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