Mamata Banerjee : ममता बनर्जी ने आंदोलनरत किसानों से फोन पर की बात, तृणमूल का 5 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल पहुंचा हरियाणा के खनौरी बार्डर
Mamata Banerjee : तृणमूल कांग्रेस नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को पंजाब के खनौरी सीमा स्थल पर प्रदर्शनकारी किसानों से मुलाकात की. पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल में तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता डेरेक ओब्रायन, मोहम्मद नदीमुल हक, डोला सेन, सागरिका घोष और साकेत गोखले शामिल थे.
Mamata Banerjee : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने हरियाणा में प्रदर्शनकारी किसानों से फोन पर बात की. उन्होंने कंधे से कंधा मिलाकर लड़ाई जारी रखने का वादा किया है. ममता बनर्जी ने प्रदर्शन कर रहे किसानों को आश्वासन दिया कि तृणमूल कांग्रेस किसानों के न्याय के लिए हमेशा खड़ी रहेगी. बंगाल की मुख्यमंत्री को अपने पक्ष में पाकर आंदोलनकारी उत्साहित हैं. वहीं दूसरी ओर तृणमूल कांग्रेस नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को पंजाब के खनौरी सीमा स्थल पर प्रदर्शनकारी किसानों से मुलाकात की. पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल में तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता डेरेक ओब्रायन, मोहम्मद नदीमुल हक, डोला सेन, सागरिका घोष और साकेत गोखले शामिल थे.
तृणमूल हमेशा किसानों के न्याय के लिए खड़ी रहेगी
सागरिका घोष ने किसानों से मुलाकात के बाद ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, आज तृणमूल कांग्रेस टीम ने 5 सांसदों के प्रतिनिधिमंडल के साथ खनौरी सीमा पर किसानों के विरोध प्रदर्शन स्थल का दौरा किया. हमारी नेता ममता बनर्जी ने किसान नेताओं से फोन के माध्यमसे बात की और उन्हें भरोसा दिलाया कि हमारी पार्टी हमेशा किसानों के न्याय के लिए खड़ी रहेगी. संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा कि टीएमसी प्रतिनिधिमंडल एक घंटे तक संगरूर जिले के खनौरी में रहा. उन्होंने फरवरी में हरियाणा की सीमा पर पुलिस के साथ हुई झड़प का जिक्र करते हुए कहा, प्रतिनिधिमंडल उस स्थान पर गया जहां ट्रैक्टर क्षतिग्रस्त हुए थे और शुभकरण सिंह को गोली लगी थी. उन्होंने किसानों से बात की. प्रतिनिधिमंडल ने किसानों से वादा किया कि तृणमूल कांग्रेस संसद के मानसून सत्र में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी का मुद्दा उठाएगी.संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा किसानों द्वारा शुरू की गई ‘दिल्ली चलो’ मार्च की अगुवाई कर रहे हैं ताकि सरकार पर उनकी मांगों को स्वीकार करने के लिए दबाव बनाया जा सके.