WB News : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) की अदालत के बारे में लगातार की जा रही टिप्पणियों पर अधिवक्ता विकास रंजन भट्टाचार्य ने गुरुवार को इस संबंध में कलकत्ता हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणम की अध्यक्षता वाली खंडपीठ का ध्यान आकर्षित किया. उनका अनुरोध है कि अदालत को इस मामले में स्वतःस्फूर्त कार्रवाई करने दें. विकास ने गुरुवार को कहा, ‘आपराधिक टिप्पणियां की जा रही हैं. अगर कदम नहीं उठाए गए तो हर कोई कोर्ट पर हंसेगा. न्यायाधीश अपने निर्णय से कार्य करते हैं. लेकिन पूरा हाईकोर्ट बिक गया, यह टिप्पणी क्यों ? कोर्ट का अपमान हो रहा है.
विकास रंजन भट्टाचार्य की शिकयात पर आज होगी सुनवाई
मुख्य न्यायाधीश शिवगणम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने कहा कि उस संबंध में एक हलफनामा दायर किया जाना चाहिए. विकास की अर्जी पर गुरुवार को दोपहर सुनवाई होगी. मुख्यमंत्री ने पहले 2016 की एसएससी भर्ती को ‘अवैध’ करार देकर रद्द करने के फैसले को चुनौती देने के अपने फैसले की घोषणा की थी.कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति देबांशु बसाक और न्यायमूर्ति मोहम्मद शब्बर रशीदी की खंडपीठ ने सोमवार को 25 हजार 753 शिक्षक, ग्रुप सी और ग्रुप डी पदों की नौकरियों को रद्द करते हुए एसएससी 2016 की पूरी भर्ती प्रक्रिया को रद्द कर दिया था.
क्या है मामला
ममता बनर्जी ने बुधवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय की ‘स्थिति’ पर भी असंतोष व्यक्त किया था. बीरभूम लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत बर्दवान के ग्लसी में तृणमूल उम्मीदवार के समर्थन में एक सार्वजनिक बैठक में ममता बनर्जी ने भाजपा के बारे में कहा, “उन्होंने अदालत खरीद ली है, मैं सुप्रीम कोर्ट के बारे में बात नहीं कर रही हूं. सीबीआई ने खरीदा, बीएसएफ ने खरीदा है. हालांकि, उन्होंने कहा कि वह जजों के बारे में कुछ नहीं कह रही हैं. विकास के अलावा, भाजपा के वकील कौस्ताब बागची ने भी मुख्य न्यायाधीश शिवगणम को पत्र लिखकर मुख्यमंत्री के खिलाफ अदालत की अवमानना का मामला दायर करने का अनुरोध किया था.