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ममता ने दिया मां कैंटीन की संख्या बढ़ाने का आदेश

ममता बनर्जी ने मां कैंटीन की संख्या बढ़ाने का आदेश दिया है. जो गरीब है, परिवार में केवल दो लोग हैं अथवा बुर्जुग हैं और उनको खाने-पीने की दिक्कत होती है. उनके लिए मां कैंटीन सबसे बड़ा भरोसा है.

सब्जियों की बढ़ती कीमतों के मद्देनजर लोगों को राहत पहुंचाने की कोशिश

संवाददाता, कोलकाता

मात्र पांच रुपये में अंडा-भात मां कैंटीन में मिलता है. जो महंगाई के दौर में गरीब व निम्न मध्यम वर्गीय लोगों के लिए सबसे बड़ा भरोसा है. मौजूदा समय में जिस तरह से सब्जियों और अनाज का दाम बढ़े हैं. उससे हर वर्ग परेशान है. जिसे देखते हुए ममता बनर्जी ने मां कैंटीन की संख्या बढ़ाने का आदेश दिया है. जो गरीब है, परिवार में केवल दो लोग हैं अथवा बुर्जुग हैं और उनको खाने-पीने की दिक्कत होती है. उनके लिए मां कैंटीन सबसे बड़ा भरोसा है. हालत यह है कि दिहाड़ी मजदूरी करने वाले या फिर दफ्तरों में मामूली वेतन पर काम करने वाले भी मां कैंटीन से खाना लेकर जाते हैं, क्योंकि मां कैंटीन से महज पांच रुपये में अंडा-भात जैसा पुष्टीकारक खाना उनको मिल जाता है. यह मां कैंटीन ममता बनर्जी की पहल पर शुरू की गयी है, जिसका संचालन राज्य का शहर व नगर विकास मंत्रालय करता है. झोपड़ी या फुटपाथ पर रहने वालों के लिए मां कैंटीन एक बहुच बड़ा आधार है. जिस तरह से सब्जियों के दाम बढ़े हैं, उसको देखते हुए ममता बनर्जी ने लोगों को राहत देने के लिए मां कैंटीन की संख्या बढ़ाने का आदेश दिया है.

मिली जानकारी के अनुसार राज्य के नगर पालिका क्षेत्रों में सैकड़ों बाजार हैं. इन सभी बाजारों में मां कैंटीन के चालू होने से बड़ी संख्या में लोगों को राहत मिलेगी. साल 2020-21 में 32 सेंटरों से मां कैंटीन का सफर शुरू हुआ था. इसके बाद इसकी मांग बढ़ने लगी, तो साल 2021-22 में इसकी संख्या बढ़ाकर 212 कर दी गयी. मौजूदा समय में राज्य में कुल 330 मां कैंटीन चल रही है. इन कैंटीनों का संचालन महिला सहकारिता कमेटी की ओर से होता है.

ममता बनर्जी के निर्देश पर सभी बाजारों में यदि यह कैंटीन खोली गयी, तो इससे बड़ी संख्या में लोग लाभान्वित होंगे. ममता ने जहां एक तरफ कैंटीन की संख्या बढ़ाने पर जोर दिया है. वहीं खाने की गुणवत्ता व साफ-सफाई से किसी भी तरह का समझौता नहीं करने का भी निर्देश दिया है.

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