भतीजे को बचाने के लिए ममता हुईं इंडिया गठबंधन से अलग : सलीम

तृणमूल की सरकार ने राज्य में शिक्षा व्यवस्था को पूरी तरह से नष्ट कर दिया है. जिसका असर पूरे समाज पर पड़ा है.

By Prabhat Khabar News Desk | May 10, 2024 11:15 PM

आसनसोल. माकपा के प्रदेश सचिव सह पोलित ब्यूरो के सदस्य मोहम्मद सलीम ने कहा कि इस लोकसभा चुनाव में राज्य की मुख्यमंत्री खुद को किंग मेकर बताने में लगी हुई हैं और अपने भतीजे को बचाने के लिए इंडी गठबंधन से खुद को अलग कर लिया है. तृणमूल की सरकार ने राज्य में शिक्षा व्यवस्था को पूरी तरह से नष्ट कर दिया है. जिसका असर पूरे समाज पर पड़ा है. वर्ष 2023 में हुए पंचायत चुनाव के बाद से माकपा की वापसी हुई है. माकपा की युवा ब्रिगेड नये जोश के साथ मैदान में है. इसबार लोकसभा चुनाव में भी माकपा मजबूती के साथ अपनी उपस्थिति दर्ज करायेगी. राज्य में तृणमूल और केंद्र में भाजपा से जनता त्रस्त है, जिसका जवाब लोग इवीएम में देंगे. आसनसोल सीट से माकपा उम्मीदवार जहांआरा खान के समर्थन में शुक्रवार को प्रचार करने आये श्री सलीम ने अपकार गार्डेन स्थित पार्टी कार्यालय में पत्रकारों को संबोधित करते हुए उक्त बातें कही. मौके पर माकपा नेता आभाष राय चौधरी, पार्थ मुखर्जी उपस्थित थे. श्री सलीम ने अपने उम्मीदवार के पक्ष में आसनसोल रेलपार में चांदमारी से सफी मोड़ तक रोड शो किया. श्री सलीम ने कहा कि भाजपा को रोकने के लिए और आम जनता की रोजमर्रा की समस्याओं, रोजगार, रोजी-रोटी आदि को लेकर इंडी गठबंधन चुनाव मैदान में उतरी है. भाजपा सरकार पिछले एक वर्षों में कालाधन, इलेक्टोरल बांड, भ्रष्टाचार आदि मुद्दों पर चुप्पी साधे हुए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भगवा धारण कर खुद को संत साबित करने में लगे हुए हैं. कश्मीर में गणतंत्र का हरण हो रहा है, मणिपुर में जाति हिंसा चरम पर है. केंद्र सरकार यहां पूरी तरह से विफल है. जी-20 समिट जैसे मंच को राजनीति के लिए आइसोलेट किया गया. भारत की अर्थव्यवस्था को चौराहे पर लाकर खड़ा कर दिया गया है. 2014 में डॉलर का मूल्य 34 रुपए था. अभी यह करीब तीन गुना पहुंच गया है. राज्य और केंद्र सरकार मिलकर देश की आर्थिक व्यवस्था को जर्जर बना रही हैं. संदेशखाली को लेकर वायरल वीडियो पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा तथा तृणमूल किसी को संदेशखली की सच्चाई का पता नहीं था. माकपा ने उसे लेकर आंदोलन शुरू किया था. स्कूल सर्विस कमीशन का भंडाफोड़ हो गया. इसकी जिम्मेवार तृणमूल सरकार पर है. राज्य सरकार एक परीक्षा भी ढंग से संचालित नहीं कर पायी. जिन शिक्षकों की नियुक्ति में भ्रष्टाचार हुआ. उसका नतीजा अयोग्य उम्मीदवारों के साथ-साथ योग्य शिक्षकों को भी भुगतना पड़ रहा है.

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