संवाददाता, हावड़ा
आचार्य श्री महाश्रमण के सुशिष्य मुनि जिनेश कुमार के सान्निध्य में तथा अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद के निर्देशानुसार स्थानीय तेरापंथ युवक साउथ हावड़ा के आयोजन में व वृहत्तर कलकत्ता तेरापंथ युवक परीषद के सहयोग से प्रेक्षा विहार में भव्य मंत्र दीक्षा का आयोजन किया गया. इस अवसर पर साउथ हावड़ा के अतिरिक्त पूर्वांचल, लिलुआ, उत्तर हावड़ा, हिंदमोटर, बाली-बेलूर, उत्तर कलकत्ता आदि ज्ञानशाला के 140 बच्चे उपस्थित थे. उसमें से 31 बच्चों को मुनिश्री द्वारा मंत्र दीक्षा प्रदान करवायी गयी. इस अवसर पर मुनि जिनेश कुमार ने कहा- मंत्र दीक्षा का उद्देश्य है बच्चों को नमस्कार महामंत्र से परिचित कराना और देव, गुरु, धर्म की जानकारी देना. बच्चों को संस्कारी बनाना अत्यंत जरुरी है. आज का बच्चा ही देश का कर्ण धार है. मंत्र दीक्षा संस्कारों की विरासत है. मुनिश्री ने आगे कहा- जैन धर्म में नमस्कार महामंत्र का प्रभाव अचिंत्य है. नमस्कार महामंत्र के प्रभाव से सुदर्शन श्रावक की शूली सिंहासन में परिवर्तित हो गयी. नमस्कार महामंत्र का जप सबको करना चाहिए, जिससे व्यक्ति का स्वास्थ्य अच्छा रहता है. कर्म, शक्ति व बुद्धि का विकास होता है.
कार्यक्रम का शुभारंभ ज्ञानशाला के ज्ञानार्थी द्वारा मंगल संगान से हुआ. इस अवसर पर तेरापंथ युवक परिषद के अध्यक्ष ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया. ईस्टर्न जोन के प्रभारी राजीव बोथरा व कार्यक्रम के प्रायोजक कल्याण मित्र समाज भूषण बिशन दयाल कैलाश चंद गोयल परिवार से अभिषेक गोयल व साउथ हावड़ा श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा के अध्यक्ष लक्ष्मीपत बाफना ने अपने विचार रखे. आभार तेयुप मंत्री अमित बेगवानी ने किया. कार्यक्रम का संचालन मुनि परमानंद ने किया. कार्यक्रम को सफल बनाने में मंत्र दीक्षा के संयोजक मोहित नाहटा, नीरज बांठिया आदि का सहयोग रहा.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है