शांतनु को मंत्री बनाये जाने से मतुआ समुदाय में खुशी
बनगांव के ठाकुरनगर के ठाकुरबाड़ी निवासी 42 वर्षीय शांतनु ठाकुर अखिल भारतीय मतुआ महासंघ के नेता हैं.
बनगांव. भारत-बांग्लादेश के सीमा से सटे अंचल में स्थित उत्तर 24 परगना के बनगांव लोकसभा क्षेत्र से विजयी भाजपा प्रत्याशी शांतनु ठाकुर को फिर से केंद्रीय मंत्री बनाये जाने की चर्चा है. बनगांव के ठाकुरनगर के ठाकुरबाड़ी निवासी 42 वर्षीय शांतनु ठाकुर अखिल भारतीय मतुआ महासंघ के नेता हैं. उनकी मतुआ समुदाय में अच्छी पकड़ है. उनकी शैक्षणिक योग्यता स्नातक है. चुनाव हलफनामे के अनुसार, उनके पास कुल 3.3 करोड़ की संपत्ति और 1.7 करोड़ की देनदारी है. शांतनु ठाकुर ने वार्षिक आय 19.3 लाख घोषित की है. उनके पिता मंजुल कृष्ण ठाकुर और मां छवि रानी ठाकुर है. 2019 के आम चुनाव में वह परिसीमन के बाद इस निर्वाचन क्षेत्र में चुने जाने वाले पहले गैर-टीएमसी सांसद बने. 2011 में ही उनके पिता गाइघाटा से तृणमूल के विधयाक हुए थे. उनके पिता बंगाल के पूर्व मंत्री भी रहे है, लेकिन तब शांतनु ठाकुर तृणमूल से जुड़े रहने के बावजूद भी राजनीतिक में सक्रिय नहीं थे. फिर शांतनु ठाकुर का परिवार तृणमूल से भाजपा खेमे में आ गये. पांच साल पहले उनकी दादी मतुआ समुदाय की कुलमाता बीनापाणि देवी जिन्हें ‘बड़ोमा’ के नाम से भी जाना जाता है, का निधन हुआ था. 2019 में शांतनु ठाकुर को भाजपा के टिकट पर बनगांव संसदीय सीट से लड़ने का मौका मिला. वह 687,622 वोट पाकर अपनी ही चाची अर्थात बड़ोमा की बड़ी बहू ममता बाला ठाकुर (तृणमूल से खड़ी प्रत्याशी ) को 111594 वोटों से हराये. फिर 2024 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने 719,505 वोट हासिल कर अपने प्रतिद्वंदी तृणमूल प्रत्याशी विश्वजीत दास को 70 हजार से अधिक वोटों से हराया. इस तरह से कम समय में मतुआ वोटों पर अच्छी पकड़ के साथ ही भाजपा में अपनी छवि भी अच्छी बना लिये हैं. 2019 में बनगांव लोकसभा सीट से जीत हासिल करने के बाद जुलाई 2021 को कैबिनेट में फेरबदल के बाद उन्हें केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय के केंद्रीय राज्य मंत्री का प्रभार दिया गया. 2024 में दूसरी बार जीत के बाद फिर से मंत्री पद मिलने की चर्चा है.
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