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एनसीपी चीफ शरद पवार के घर कल यशवंत सिन्हा ने बुलायी बैठक, ये लोग होंगे शामिल

तृणमूल नेता यशवंत सिन्हा ने मराठा छत्रप शरद पवार के घर क्षेत्रीय दलों के नेताओं की बैठक बुलायी है.

कोलकाताः बंगाल चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को मिली करारी हार और ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस के शानदार प्रदर्शन से देश भर में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ एक अलग तरह की हवा चल पड़ी है. लगातार राजनीतिक घटनाक्रम बदल रहे हैं. ऐसे ही एक घटनाक्रम में यशवंत सिन्हा ने मराठा छत्रप शरद पवार के घर कुछ क्षेत्रीय दलों के नेताओं की बैठक बुलायी है.

तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष यशवंत सिन्हा ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार के आवास पर मंगलवार (22 जून 2021) को बैठक बुलायी है. बैठक राष्ट्र मंच के बैनर तले होगी. महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस सरकार में कई बार केंद्रीय मंत्री रहे श्री पवार के घर आयोजित इस बैठक में एनसीपी नेता मजीद मेन, समाजवादी पार्टी के नेता घनश्याम तिवारी और कई अन्य नेता शामिल होंगे.

उधर, कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 24 जून को राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के महासचिवों, राज्यों के प्रभारियों और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्षों की एक बैठक बुलायी है. देश की वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों पर इस बैठक में चर्चा की जायेगी. सभी लोग बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये जुड़ेंगे. समाचार एजेंसी एएनआई ने यह जानकारी दी.

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क्या है राष्ट्र मंच

राष्ट्र मंच एक राजनीतिक मंच है, जिसकी स्थापना यशवंत सिन्हा ने की थी. अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी के जमाने में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कद्दावर नेता रहे यशवंत सिन्हा अब तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं. बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 से ठीक पहले यशवंत सिन्हा तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गये थे.

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वर्ष 2019 में फिर से भाजपा की सरकार केंद्र की सत्ता में न आये, इसके लिए यशवंत सिन्हा ने कई अन्य लोगों के साथ मिलकर देश भर में अभियान चलाया था. दूसरी ओर, ममता बनर्जी ने पीएम मोदी के खिलाफ एक मंच पर देश भर के क्षेत्रीय दलों को लाने की कोशिश की थी. अधिकतर लोग कोलकाता की ब्रिगेड रैली में शामिल हुए, लेकिन चुनावी गठबंधन नहीं हो सका था.

अब जबकि बंगाल में भाजपा की तमाम कोशिशों के बावजूद लगातार तीसरी बार ममता बनर्जी सत्ता में आ गयी हैं, तो उनकी पार्टी को लगता है कि वह केंद्रीय राजनीति में विपक्षी दलों की सर्वमान्य नेता बन सकती हैं. इसी रणनीति के तहत मुकुल रॉय की भाजपा से तृणमूल में वापसी करायी गयी. ऐसा माना जा रहा है कि मुकुल रॉय और यशवंत सिन्हा मिलकर तृणमूल सुप्रीमो को केंद्र में विपक्षी गठबंधन की नेता के रूप में स्थापित करेंगे.

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Posted By: Mithilesh Jha

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