अब नवजात बच्चे की देखभाल के लिए पुरुषों को भी मिलेगा दो वर्ष का अवकाश

हाइकोर्ट की न्यायाधीश अमृता सिन्हा ने दिया आदेश

By Prabhat Khabar News Desk | August 13, 2024 2:29 AM

कोलकाता. कलकत्ता हाइकोर्ट ने बच्चों के पालन-पोषण से संबंधित एक मामले में महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है. सोमवार को हाइकोर्ट की न्यायाधीश अमृता सिन्हा ने मामले की सुनवाई के दौरान नवजात बच्चों के पालन-पोषण में पुरुषों के अधिकारों को महिलाओं के समान माना. न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा ने कहा कि महिलाओं के साथ-साथ पुरुषों को भी नवजात शिशु की देखभाल के लिए चाइल्ड केयर लीव पाने का समान अधिकार है. एक व्यक्ति द्वारा दायर की गयी याचिका के मद्देनजर, न्यायाधीश ने आदेश दिया कि बच्चों के पालन-पोषण में माताओं के साथ-साथ पिता की भी समान जिम्मेदारी है. इसलिए उन्हें छुट्टी के मामले में किसी भी तरह से वंचित नहीं किया जा सकता है. अब तक महिलाओं को अपने जीवनकाल में चाइल्ड केयर लीव के रूप में 730 दिनों की छुट्टी मिलती है और पुरुषों को 30 दिन का अवकाश मिलता था. हाइकोर्ट के इस फैसले के परिणामस्वरूप राज्य को पुरुषों को भी महिलाओं के बराबर छुट्टी देनी होगी. कोर्ट ने निर्देश दिया कि राज्य सरकार अगले तीन महीने के भीतर इस संबंध में दिशानिर्देश तैयार कर रिपोर्ट पेश करेगी. मामले की सुनवाई के दौरान न्यायाधीश अमृता सिन्हा ने केंद्र सरकार द्वारा जारी की गयी गाइडलाइन का भी हवाला दिया. केंद्र सरकार ने इस संबंध में पुरुषों को समान अधिकार देने के लिए 2018 में कानून में बदलाव किया. लेकिन मामले में आरोप लगाया गया है कि राज्य में पुरुष अभी भी इससे वंचित हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version