कोलकाता. केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने वनस्पतियों और जीवों के संरक्षण की आवश्यकता पर जोर दिया और विकास के लिए प्राकृतिक संसाधनों के अंधाधुंध दोहन के प्रति आगाह किया. भारतीय प्राणी सर्वेक्षण (जेडएसआइ) के 109वें स्थापना दिवस के अवसर पर यहां आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री यादव ने कहा कि सर्वेक्षणकर्ता लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए जीव-जंतुओं की प्रजातियों के वर्गीकरण, रिकॉर्डिंग और वैज्ञानिक मूल्यांकन के क्षेत्र में अग्रणी काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि पर्यावरण मंत्रालय ने ओडिशा में भीतरकनिका, उत्तराखंड में फूलों की घाटी, राजस्थान में रेगिस्तानी परिदृश्य, पश्चिम बंगाल में सुंदरवन में अद्वितीय मैंग्रोव बेल्ट जैसे संवेदनशील क्षेत्रों की समृद्ध जैव विविधता को संरक्षित करने के लिए काम किया है और इन्हें ‘प्रकृति का सर्वोत्तम उपहार’ बताया है. यादव ने कहा, ‘‘यदि हमारे प्राकृतिक संसाधनों की लूट जारी रही, तो एक दिन ऐसा आयेगा, जब इस दुनिया में केवल मनुष्य ही बचेंगे, पशु, पक्षी और पौधे नहीं. जरा सोचिए कि यदि ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई तो हमारे भविष्य का क्या होगा. हमें पृथ्वी को बचाने की दिशा में काम करना चाहिए.’’
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