राज्य में मॉब लिंचिंग की घटनाएं बर्दाश्त नहीं : सीएम
राज्य में मॉब लिंचिंग (सामूहिक पिटाई से मौत) की बढ़ती घटनाओं को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को कड़ी नाराजगी जतायी. उन्होंने पुलिस को ऐसी घटनाएं रोकने के लिए हर संभव कदम उठाने के निर्देश दिये.
पीड़ित परिवारों के लिए दो-दो लाख रुपये के मुआवजे व विशेष होमगार्ड की नौकरी देने की घोषणासंवाददाता, कोलकाताराज्य में मॉब लिंचिंग (सामूहिक पिटाई से मौत) की बढ़ती घटनाओं को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को कड़ी नाराजगी जतायी. उन्होंने पुलिस को ऐसी घटनाएं रोकने के लिए हर संभव कदम उठाने के निर्देश दिये.
मंगलवार को मुख्यमंत्री ने मॉब लिंचिंग की घटनाओं को लेकर राज्य सचिवालय में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की. इस दौरान मुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा है कि इस प्रकार की घटनाओं को कतई बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. पुलिस को इन घटनाओं की रोकथाम के लिए और अधिक सतर्क होना होगा. पुलिस को अपनी आंखें खोल कर रखनी होगी और साथ ही चौकसी बढ़ानी होगी.बैठक में मुख्यमंत्री ने राज्य के खुफिया विभाग की विफलता पर भी सवाल उठाया. बैठक में राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) संजय मुखर्जी और एडीजी (कानून-व्यवस्था) मनोज वर्मा सहित अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौजूद रहे. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि आखिर इस प्रकार की घटनाओं के बारे में जानकारी आने के बाद भी पुलिस त्वरित कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है.मंगलवार को ही मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार अलापन बंद्योपाध्याय व एडीजी (कानून-व्यवस्था) मनोज वर्मा ने मॉब लिंचिंग की घटनाओं के पीड़ित परिवार के लिए मुआवजे की घोषणा की. बंद्योपाध्याय ने राज्य सचिवालय में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मॉब लिंचिंग की घटनाओं को रोकने के लिए राज्य सरकार पूरी तरह तत्पर है. ऐसी घटनाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी. कोई भी मृत्यु की घटना काफी दुखद होती है और इसे रुपयों से पूरा नहीं किया जा सकता. हालांकि, राज्य सरकार पीड़ित परिवारों को हर संभव मदद देने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि मॉब लिंचिंग की घटनाओं में मारे गये लोगों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये का मुआवजा व परिवार के एक सदस्य को विशेष होमगार्ड के रूप में सरकारी नौकरी दी जायेगी. गौरतलब है कि हाल में अलग-अलग जगहों पर मॉब लिंचिंग की घटनाओं में पांच लोगों की मौत हो गयी है.
पुलिस अधीक्षक व पुलिस आयुक्तों के लिए निर्देश
विभिन्न ऑडियो विजुअल व सोशल मीडिया के माध्यम से साधारण जनता को सतर्क व जागरूक करना होगा. गलत खबर या अफवाह पर कड़ी नजर रखनी होगी. जिस भी सोशल साइट से फर्जी खबर या अफवाह फैलायी जा रही है, उसके खिलाफ त्वरित कड़ी कार्रवाई करनी होगी.संवेदनशील क्षेत्रों में निगरानी और बढ़ानी होगी. जिन-जिन इलाकों में पहले भी इस प्रकार की घटनाएं हो चुकी हैं, वहां पुलिस को विशेष ध्यान देना होगा और चौकसी बढ़ानी होगी.
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