मोबाइल सेवा : टीडीएस के मामले में कोर्ट का हस्तक्षेप
याचिकाकर्ता/करदाता वोडाफोन आइडिया लिमिटेड भारतीय दूरसंचार कंपनी है, जिसका मुख्यालय मुंबई और गांधीनगर में स्थित है. यह अखिल भारतीय एकीकृत जीएसएम ऑपरेटर है, जो मोबाइल टेलीफोनी सेवाएं प्रदान करता है.
कोलकाता. कलकत्ता हाइकोर्ट ने माना कि सेल्यूलर मोबाइल सेवा प्रदाता वितरकों/फ्रेंचाइजी द्वारा ग्राहकों से प्राप्त आय पर स्रोत पर कर (टीडीएस) काटने के लिए बाध्य नहीं है. हाइकोर्ट के जस्टिस सूर्य प्रकाश केसरवानी और जस्टिस राजर्षि भारद्वाज की खंडपीठ ने भारती सेलुलर लिमिटेड बनाम सहायक आयकर आयुक्त सर्किल-57, कोलकाता और अन्य के मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर भरोसा किया, जिसमें यह माना गया कि वितरकों/फ्रेंचाइजी द्वारा तीसरे पक्ष/ग्राहकों से प्राप्त भुगतानों में आय/लाभ घटक पर स्रोत पर या वितरकों को प्री-पेड कूपन या स्टार्टर-किट बेचते/ट्रांसफर करते समय टैक्स कटौती करने के लिए करदाता कानूनी रूप से बाध्य नहीं होंगे. याचिकाकर्ता/करदाता वोडाफोन आइडिया लिमिटेड भारतीय दूरसंचार कंपनी है, जिसका मुख्यालय मुंबई और गांधीनगर में स्थित है. यह अखिल भारतीय एकीकृत जीएसएम ऑपरेटर है, जो मोबाइल टेलीफोनी सेवाएं प्रदान करता है. करदाता ने अपने प्री-पेड कनेक्शन के संबंध में कई पक्षों के साथ फ्रेंचाइजी/वितरण समझौते किये. उठाया गया मुद्दा यह है कि क्या अपीलकर्ता और उसके वितरकों के बीच संबंध और उनके बीच लेन-देन के क्रम में अपीलकर्ता को आयकर अधिनियम 1961 की धारा 194एच के प्रावधानों का अनुपालन करना आवश्यक था, जो प्री-पेड सिम कार्ड और प्री-पेड वाउचर/रिचार्ज कूपन के संबंध में वितरकों को दी जाने वाली छूट के संदर्भ में स्रोत पर कर कटौती से संबंधित है. आयकर अधिनियम की धारा 194एच निवासी व्यक्ति को कमीशन या ब्रोकरेज पर स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) का प्रावधान करती है. भारती सेलुलर लिमिटेड के मामले में फैसले का पालन करते हुए न्यायालय ने करदाता के पक्ष में और विभाग के खिलाफ कानून के महत्वपूर्ण सवालों के जवाब दिये.
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