रेल हादसे के बाद बचाव कार्य का हुआ मॉक ड्रिल, एक रेल कर्मचारी घायल

मॉक ड्रिल में शामिल हुए एनडीआरएफ, आरपीएफ, जीआरपी, पुलिसकर्मी व अन्य

By Prabhat Khabar News Desk | June 15, 2024 1:29 AM

आद्रा. रेल दुर्घटना होने के बाद किस तरह से यात्रियों को जल्द से जल्द हादसे के स्थान से निकाला जाये इसे लेकर आद्रा मंडल तथा एनडीआरएफ के संयुक्त प्रयास से मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया. शुक्रवार सुबह 9:30 बजे के लगभग आद्रा यार्ड में यह मॉक ड्रिल आयोजित हुई. जिसमें एनडीआरएफ के अधिकारियों व सदस्यों के साथ-साथ आरपीएफ, जीआरपी, स्थानीय पुलिस, रेलवे के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने हिस्सा लिया. पूरी सुरक्षा के बीच सभी इस मॉक ड्रिल में हिस्सा ले रहे थे पर इसी दौरान टी शंकर राव नामक एक रेल कर्मचारी इस दौरान घायल हो गया. उन्होंने बताया वह एक यंत्र को लेकर वह कार्य कर रहा था पर उसके फिसलने के कारण उसकी एक उंगली में काफी चोट आई है. मौके पर उसकी प्राथमिक चिकित्सा करने के बाद उसे मंडल स्वास्थ्य केंद्र भेज दिया गया. इस विषय में पत्रकारों द्वारा जब आद्रा मंडल के डीआरएम सुमित नरूला से सवाल पूछा गया तो उन्होंने बताया उन्हें ऐसा कोई जानकारी नहीं है. पर इस बड़े पैमाने पर कार्य के दौरान अगर कुछ होता है तो उसके लिए हम तैयार रहते हैं. इस दिन यात्रियों से भरे एक ट्रेन के दुर्घटनाग्रस्त होना दर्शाया गया. जिसमें ट्रेन के बेपटरी होने पर एक कमरे के ऊपर दूसरा कमरा चढ़ जाता है जिसमें कई यात्री घायल होते हैं. कई यात्रियों के मौत भी होती है. अब इन यात्रियों को जल्द से जल्द किस तरह से सहायता प्रदान करें एवं उन्हें सुरक्षित तौर पर निकाले, इसका अभ्यास किया गया. राहत कार्य किस तरह से युद्ध स्तर पर होता है इसका अभ्यास किया गया. एनडीआरएफ से लेकर रेलवे के कर्मचारी, आरपीएफ, जीआरपी, स्थानीय पुलिस, स्काउट्स एंड गाइड इस राहत कार्य में हाथ लगाते हैं. यह पूरी प्रक्रिया यहां की गयी. लगभग एक घंटे 20 मिनट के अंदर यह राहत कार्य संपन्न होती है. इस दिन इस मॉक ड्रिल में आद्रा मंडल रेल प्रबंधक सुमित नरूला, अपर मंडल रेल प्रबंधक खगेंद्र नाथ घोष, एनडीआरफ के ग्रुप कमांडेंट आनंद कुमार मुख्य रूप से उपस्थित थे. इस तरह के संयुक्त अभ्यास से हम लोग बहुत कुछ सीख पाते हैं. साथ-साथ एनडीआरएफ को भी नये तरह के बचाव के बारे में जानकारी प्राप्त होती है. इस तरह के मॉक ड्रिल से हम लोग अपनी तैयारी को भी परखते हैं ताकि दुर्घटना के समय रेल प्रशासन तुरंत राहत कार्य में हाथ लगाकर यात्रियों को बेहतर सुविधा प्रदान कर सके.

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