प्रधानमंत्री मोदी ने संसद को कर दिया ‘गहरे अंधेरे कुएं’ में तब्दील : डेरेक

राज्यसभा में तृणमूल के संसदीय दल के नेता ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि यह पहला मौका है, जब कोई ‘डिप्टी स्पीकर’ नियुक्त नहीं किया गया और प्रधानमंत्री ने एक भी प्रश्न का उत्तर नहीं दिया.

By Prabhat Khabar News Desk | May 29, 2024 1:26 AM

कोलकाता/नयी दिल्ली . सांसद व तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओब्रायन ने मंगलवार को कहा कि निवर्तमान लोकसभा में कई चीजें पहली बार हुईं. साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर संसद को एक ‘‘गहरे, अंधेरे कुएं’’ में तब्दील कर देने का आरोप लगाया. राज्यसभा में तृणमूल के संसदीय दल के नेता ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि यह पहला मौका है, जब कोई ‘डिप्टी स्पीकर’ नियुक्त नहीं किया गया और प्रधानमंत्री ने एक भी प्रश्न का उत्तर नहीं दिया. उन्होंने कहा, ‘श्रीमान नरेंद्र मोदी जी, चूंकि आज आप मेरे शहर (कोलकाता) में हैं, इसलिए हमें बतायें कि आपने क्यों संसद का मजाक बनाया और इसे एक गहरे अंधेरे कुएं में तब्दील कर दिया? 17वीं लोकसभा को अलविदा. इस लोकसभा में कई चीजें पहली बार हुईं.” ओब्रायन ने कहा कि बैठकों के मामले में, इसमें 1952 के बाद से सबसे कम दिन काम हुआ. उन्होंने कहा, ‘‘इस लोकसभा में कोई डिप्टी स्पीकर नियुक्त नहीं किया गया.” ‘थिंक टैंक’ पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, 17वीं लोकसभा के पांच साल के कार्यकाल में 2019 से 2024 तक कुल 272 बैठकें हुईं. वहीं, 16वीं लोकसभा में 331 बैठकें हुई थीं, जबकि मनमोहन सिंह नीत संप्रग सरकारों के तहत 15वीं और 14वीं लोकसभा में क्रमश: 332 और 356 बैठकें हुई थीं. इससे पहले, 13वीं लोकसभा में 356 बैठकें हुई थीं. तृणमूल नेता ने यह भी कहा, ‘‘प्रधानमंत्री (मोदी) ने सदन में एक भी प्रश्न का उत्तर नहीं दिया. राज्यसभा में (नियम 267 के तहत) चर्चा के लिए विपक्ष के किसी सदस्य का एक भी नोटिस स्वीकार नहीं किया गया.’ उन्होंने भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी का प्रत्यक्ष संदर्भ देते हुए कहा, ‘सत्तापक्ष के एक सांसद को सदन में सांप्रदायिक अपशब्दों का इस्तेमाल करने दिया गया.’ संसद की सुरक्षा में चूक का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘लोकसभा के अंदर पहली बार हुई सुरक्षा चूक के बाद इस विषय पर चर्चा की मांग करने वाले विपक्ष के 146 सांसदों को निलंबित कर दिया गया.’’ यह सुरक्षा चूक 13 दिसंबर 2023 को हुई थी. इस घटना के बाद, सुरक्षा चूक पर चर्चा कराने की मांग करने को लेकर लोकसभा के 100 सदस्यों और राज्यसभा के 46 सदस्यों को निलंबित कर दिया गया.’’ सांसदों के निलंबन के अलावा, उनके द्वारा उठाये गये करीब 264 प्रश्न सत्र के दौरान लोकसभा और राज्यसभा, दोनों सदनों की प्रश्न सूची से हटा दिये गये.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version