बंगाल में ध्वनि प्रदूषण रोकने के लिए लग रहे हैं 2,000 से अधिक निगरानी यंत्र

Bengal news, Kolkata news : पश्चिम बंगाल में ध्वनि प्रदूषण (Noise pollution) पर रोक लगाने के प्रयासों के तहत राज्य में 2,000 से अधिक ध्वनि निगरानी यंत्र (Sound monitoring device) लगाये जा रहे हैं. राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (State pollution control board) इन यंत्रों को लगाने के लिए इसे विभिन्न पुलिस थानों को सौंप रहा है. इस बात की जानकारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एक शीर्ष अधिकारी ने दी.

By Agency | July 7, 2020 6:00 PM
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Bengal news, Kolkata news : कोलकाता : पश्चिम बंगाल में ध्वनि प्रदूषण (Noise pollution) पर रोक लगाने के प्रयासों के तहत राज्य में 2,000 से अधिक ध्वनि निगरानी यंत्र (Sound monitoring device) लगाये जा रहे हैं. राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (State pollution control board) इन यंत्रों को लगाने के लिए इसे विभिन्न पुलिस थानों को सौंप रहा है. इस बात की जानकारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एक शीर्ष अधिकारी ने दी.

उन्होंने कहा कि कोलकाता और आसपास के जिलों में विभिन्न थानों को ऐसे 700 यंत्र पहले ही दे दिये गये हैं. इससे तेज आवाज में हॉर्न बजाने, निर्माण गतिविधियों, धार्मिक स्थलों, सामाजिक और राजनीतिक कार्यक्रमों में लाउडस्पीकर का इस्तेमाल, घनी बस्ती में स्थित इकाइयों से होने वाले ध्वनि प्रदूषण का पता लगाया जा सकता है.

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अधिकारी ने बताया कि ध्वनि प्रदूषण के खिलाफ मुहिम में कानून लागू करने वाली विभिन्न एजेंसियों के साथ प्रदूषण बोर्ड निगरानी की भूमिका में रहता है. इसलिए ये यंत्र पुलिस को दिये गये हैं, जो बाजार समेत अन्य जगहों पर होने वाले शोर को रिकॉर्ड करेंगे और हम इन आंकड़ों का विश्लेषण करेंगे.

उन्होंने बताया कि इससे पहले काली पूजा जैसे उत्सवों के दौरान पुलिसकर्मी छोटे से यंत्र के जरिये निगरानी करते थे. त्योहार के दौरान आतिशबाजी के कारण ध्वनि और वायु प्रदूषण बहुत बढ़ जाता है. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड राज्य के हरेक जिला शहर में ध्वनि निगरानी केंद्र की स्थापना कर रहा है.

उन्होंने कहा कि ध्वनि निगरानी केंद्र से संबंधित क्षेत्रों में ध्वनि के स्तर का पता चलेगा और हमें स्थिति समझने में मदद मिलेगी. अधिकारी ने बताया कि पिछले कुछ साल में कोलकाता में बागबाजार, पतूली, न्यू मार्केट, कस्बा, साल्ट लेक, टॉलीगंज और बिराती में 10 ध्वनि निगरानी केंद्र बनाये गये तथा 1 साल के भीतर शहर में और केंद्र बनाये जायेंगे.

Posted By : Samir ranjan.

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