कन्या को जनने के बाद प्रसूता की मौत, सदमे में पति ने दे दी जान
माता-पिता का साया उठने के बाद अनाथ कन्या से सारे नातेदारों ने मुंह फेरा
बर्दवान/पानागढ़. सरकारी अस्पताल में कन्या संतान को जन्म देने के बाद प्रसूता की मौत हो गयी. इस सदमे को उसका पति नहीं सह सका और आत्महत्या कर ली. इस तरह नवजात कन्या संतान के सिर पर माता-पिता का साया नहीं रहा. ऐसे में उस कन्या का ठिकाना कालना महकमा अस्पताल ही बन गया है. इन दिनों अस्पताल की नर्स व स्टाफ ही उस कन्या की देखरेख कर रहे हैं. इस हृदय-विदारक घटना को लेकर जिले में खूब चर्चा हो रही है. अस्पताल के सूत्रों की मानें, तो गत 26 अप्रैल को प्रसव पीड़ा के बाद महिला को कालना महकमा अस्पताल में भर्ती कराया गया था. अंतरा विश्वास नामक महिला ने अस्पताल में प्रसव के उपरांत कन्या संतान को जन्म दिया. कुछ घंटों बाद अंतरा विश्वास ने दम तोड़ दिया. अंतरा की मौत की सूचना उसके पति के लिए वज्रपात साबित हुई. सदमे में पति ने आत्महत्या कर ली. इधर, नवजात कन्या की तबीयत भी अचानक बिगड़ गयी. अंतरा के कुछ रिश्तेदार तब अस्पताल में आये, लेकिन पति-पत्नी की ऐसी मौत और कन्या संतान को देख कर धीरे-धीरे सभी नातेदार वहां से गायब हो गये. इस बीच, अस्पताल की नर्स व चिकित्सक के सहयोग व प्रयास से शिशु कन्या का इलाज कर उसे ठीक कर दिया गया. अस्पताल की नर्स व स्टाफ ने उस कन्या का नाम ’कथा’ रखा है. कथा का फिलहाल नया ठिकाना कालना महकमा अस्पताल ही है. एक माह से कथा इन दिनों अस्पताल की नर्स व स्टाफ की बेटी बन गयी है. लेकिन अस्पताल प्रबंधन चाहता है कि कथा के परिवार या रिश्तेदार उसे अपना लें. लेकिन इस दिशा में अभी तक कोई आगे नहीं आया है. अस्पताल की डॉक्टर समाप्ति दे ने कहा कि बच्चे को जन्म देने के कुछ ही समय बाद मां की मौत हो गयगी थी. उसके बाद हमलोगों ने सुना कि बच्ची के पिता ने भी पत्नी की मौत के सदमे में जान दे दी. फिर बच्ची को लेने के लिए कोई आगे नहीं आया. अस्पताल के चिकित्सकों, नर्स व स्टाफ ही बच्ची को पाल-पोस रहे हैं. यदि कोई बच्ची को लेने के लिए आगे नहीं आता है, तो अस्पताल प्रबंधन कन्या को संबंधित चाइल्डलाइन को सौंप देगा.
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