पश्चिम बंगाल में नगरपालिका नियुक्ति घोटाले की जांच कर रही केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) इस मामले में अलीपुर अदालत के स्पेशल सीबीआई कोर्ट में चार्जशीट पेश कर चुकी है. सीबीआई ने आशंका व्यक्त की है कि 17 नगरपालिकाओं में करीब 1850 नियुक्तियां अवैध तरीके से हुईं. यह सभी नियुक्तियां वर्ष 2014 के बाद से एबीएस इंफोजेन प्राइवेट लिमिटेड नामक आउटसोर्स एजेंसी के माध्यम से की गयी थीं, जो प्रमोटर अयन शील के स्वामित्व में है. शील शिक्षक नियुक्ति घोटाले में पहले ही गिरफ्तार हो चुका है. वह अभी न्यायिक हिरासत की अवधि संशोधनागार में काट रहा है.
कौन से नगरपालिकाओं में कितनी अवैध नियुक्तियों की है आशंका
सूत्रों के अनुसार, सीबीआइ को आशंका है कि दक्षिण दमदम नगरपालिका में सबसे ज्यादा करीब 329 नियुक्तियां अवैध तरीके से हुईं, जबकि बादुड़िया नगरपालिका में 39, कमरहाटी नगरपालिका में 49 नियुक्तियां, उत्तर दमदम में 64, हालीशहर में 39, कांचरापाड़ा में 303, न्यू बैरकपुर में 74, टीटागढ़ में 221, रानाघाट में 101, वीरनगर नगरपालिका में 26, कृष्णनगर में 200, दमदम में 61, बरानगर में 276 और उलुबेड़िया में 18 नियुक्तियों में कथित अनियमितता बरती गयीं, जिसकी जांच जारी है.
25 बैंक खातों के माध्यम से अवैध लेन-देन
जांच में पता चला कि कई नगरपालिकाओं में नकद के बदले विभिन्न पदों के लिए नियुक्तियां की गयी थीं, जिनमें चिकित्सा अधिकारी, वार्ड मास्टर, क्लर्क, ड्राइवर, हेल्पर और सफाई सहायक शामिल थे. हाल ही में सीबीआइ ने अपनी जांच के दौरान कम से कम 25 बैंक खातों का पता लगाया है, जो तीसरे पक्ष के नाम पर खोले गये थे और इनका उपयोग मामले से संबंधित अवैध धन के लेन-देन के लिए किया गया था. बैंक खातों में जमा के कुछ ही घंटों बाद ये राशि डेबिट कर दी गयीं. चार्जशीट में दक्षिण दमदम नगरपालिका के पूर्व चेयरमैन पाचू राय और प्रमोटर अयन शील के भी नाम हैं. सूत्रों के अनुसार, सीबीआई की चार्जशीट में कोरोना के मद्देनजर लॉकडाउन के दौरान एक ही दिन में दक्षिण दमदम नगरपालिका में करीब 29 लोगों की नियुक्तियों का भी उल्लेख किया गया है. यह नियुक्तियां सीबीआइ की जांच के दायरे में है. केंद्रीय जांच एजेंसी को अंदेशा है कि इन नियुक्तियों में अनियमितता बरती गयी.
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