एडीडीए के बाहर हॉकर महिलाएं गरज कर बोलीं : चाहिए पुनर्वास, नहीं लक्खी भंडार

अतिक्रमण हटाओ अभियान के खिलाफ एडीडीए ऑफिस का सैकड़ों हॉकरों ने किया घेराव

By Prabhat Khabar News Desk | July 13, 2024 1:29 AM

दुर्गापुर. राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सख्ती के बाद आसनसोल-दुर्गापुर विकास प्राधिकरण(एडीडीए) की ओर से आसनसोल व दुर्गापुर में विभिन्न जगहों पर अतिक्रमण हटाओ अभियान शुरू किया गया है. इसके मद्देनजर बीते एक सप्ताह से दुर्गापुर के सिटी सेंटर, मामरा बाजार, बीटू इलाके में सरकारी जमीन पर अवैध रूप से बनायी गयी दुकानों को जेसीबी लगा कर तोड़ दिया गया है. इस अभियान की गाज इलाके के सैकड़ों छोटे व्यापारियों पर गिरी है. उनके सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है. दुकान हट जाने के बाद कई गरीब लोग बेरोजगार हो गये हैं. अतिक्रमण हटाओ अभियान से नाराज होकर दुर्गापुर के सैकड़ों हॉकरों ने शुक्रवार को सिटी सेंटर स्ठित एडीडीए कार्यालय का घेराव किया. घेराव-प्रदर्शन के दौरान हॉकरों ने हटाये जाने से पहले अपने लिए वैकल्पिक व्यवस्था की मांग की. साथ ही प्रदर्शनकारियों में शामिल महिला हॉकरों ने गुस्से में कहा कि उन्हें लक्खी भंडार नहीं चाहिए. सरकार से भूमि छोड़ने के पहले पुनर्वास चाहिए. प्रदर्शन के दौरान सिटी सेंटर, बेनाचिटी, एमएएमसी टाउनशिप से सैकड़ों हॉकर और उनके परिवार के सदस्य मौजूद थे. प्रदर्शन से पहले हॉकरों ने इलाके से विरोध रैली निकाली, जो विभिन्न इलाकों से होकर एडीडीए कार्यालय के पास पहुंची. प्रदर्शन के समय एडीडीए कार्यालत में चेयरमैन कवि दत्त नहीं थे. बाहर मौजूद पुलिस वालों ने आंदोलनकारियों को समझा कर हटाने की कोशिश की. कई हॉकरों ने कहा कि एडीडीए की ओर से सरकारी भूमि पर वर्षों से दुकान लगानेवाले हॉकरों की दुकान तोड़ कर जुल्म किया जा रहा है. दुकान टूटने से सभी असहाय हो गये हैं. भूमि खाली कराने से पहले सरकार को हॉकरों के लिए वैकल्पित जगह अथवा, पुनर्वास की व्यवस्था करनी होगी. सिटी सेंटर इलाके में बीते 50 वर्षों से हॉकर फुटपाथ पर दुकान लगाते आ रहे हैं. सिटी सेंटर पहले खाली इलाका था. तब से वे लोग सड़क किनारे दुकान लगा कर व्यवसाय करते हैं. पिछले निगम बोर्ड के दौरान सरकार के निर्देश पर हॉकरों को लेकर कमेटी भी बनायी गयी थी. उसके बाद उन हॉकरों को सरकारी जमीन पर भेज अस्थायी दुकान लगाने की अनुमति मिली थी. उसके तहत हॉकर दुकान लगा रहे थे. कुछ हॉकरों को जमीन नहीं मिलने से वे लोग फुटपाथ पर दुकान लगाते हैं. अचानक सरकार ने सभी दुकानों को हटाकर हॉकरों के लिए आफत ला दी है. रोजगार छिनने से हॉकर बेरोजगार हो गये हैं. सरकार को तोड़ी गयी दुकान के जगह पर ही दुकान खोलने की अनुमति देनी होगी और फुटपाथ पर बैठनेवाले हॉकरो के लिए दूसरे स्थान पर दुकान लगाने की अनुमति देनी होगी. पुनर्वास दिये बिना सरकार जमीन जबरन खाली कराती है, तो इसके खिलाफ जोरदार आंदोलन किया जायेगा. प्रदर्शनरत हॉकरों में शामिल महिलाओं ने गरज कर कहा, गरीब-गुरबों के वोट से ही सरकार बनी है, एक ओर सरकार लक्खी भंडार देकर गरीबों का सहयोग करने का दावा करती है, दूसरी ओर उनकी रोजी-रोटी छीन कर जुल्म कर रही है. राज्य सरकार का लक्खी भंडार भत्ता नहीं चाहिए. ऐसी सहानुभूति किस काम की.

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