संवाददाता, कोलकाता
पश्चिम बंगाल सरकार ने प्राथमिक स्कूलों में नियुक्ति के लिए वर्ष 2014 में शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) आयोजित की थी, लेकिन 3929 रिक्त पदों को लेकर जटिलता पैदा हो गयी थी. अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने नया फैसला सुनाया है. गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर फैसला सुनाते हुए कहा है कि रिक्तियां भविष्य की रिक्तियों से भरी जायेंगी. उन 3929 रिक्तियों को 2022 की नियुक्ति प्रक्रिया में रिक्त पदाें के साथ जोड़ा जायेगा और उसी के अनुरूप नियुक्ति की जायेगी. कलकत्ता हाइकोर्ट ने इससे पहले इन रिक्तियों पर नियुक्ति को लेकर एक और आदेश जारी किया था. तत्कालीन न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय ने योग्यता के आधार पर हाइकोर्ट में याचिका दायर करने वाले याचिकाकर्ताओं को पदों पर नियुक्त करने का आदेश दिया था. इस फैसले को चुनौती देते हुए राज्य सरकार ने शीर्ष अदालत में याचिका दायर की थी, जिस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हाइकोर्ट के आदेश को खारिज कर दिया और नये सिरे से इन पदों पर नियुक्तियां करने का आदेश दिया. गौरतलब है कि टीईटी 2024 के आधार पर 2016 और 2020 में दो चरणों में नियुक्ति प्रक्रियाएं पूरी की गयीं. प्राथमिक शिक्षा बोर्ड ने 16,500 पदों पर नियुक्ति के लिए अधिसूचना जारी की थी. लेकिन आरोप है कि अभी भी 3929 पद खाली हैं. इस मामले में हाइकोर्ट के तत्कालीन न्यायाधीश अभिजीत गांगुली ने आदेश दिया कि योग्यता के आधार पर याचिकाकर्ताओं की रिक्त पदों पर नियुक्ति करनी होगी, जिस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस ऋषिकेश रॉय और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की बेंच ने कहा कि उन 3929 पदों को भविष्य की रिक्तियों में जोड़ा जायेगा और उसी आधार पर यह नियुक्तियां की जायेंगी.
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