अवैध निर्माण को लेकर सख्त कार्रवाई की तैयारी
विधाननगर निगम के एक अधिकारी ने बताया कि अवैध निर्माण कर प्रमोटर फ्लैट खरीदने वालों को धोखा दे रहे हैं. यदि निगम एफआइआर भी दर्ज करता है, तो प्रमोटर अग्रिम जमानत लेकर आसानी से छूट जा रहे हैं. ना ही फ्लैट का मूल्यांकन हो पाता है और ना ही कोई म्यूटेशन. अब विधाननगर नगर निगम अवैध निर्माण के मामलों में प्रमोटरों के खिलाफ गैर-जमानती धारा के तहत मामला दर्ज हो, इसे लेकर पुलिस से बातचीत कर कार्रवाई की तैयारी में जुटी है.
कोलकाता.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ओर से अवैध निर्माण पर नाराजगी जताये जाने के बाद अब विधाननगर नगर निगम (बीएमसी) अवैध निर्माण को लेकर प्रमोटरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की तैयारी में जुटा है. मंगलवार को ही विधाननगर नगर निगम और विधाननगर पुलिस कमिश्नरेट की एक उच्चस्तरीय बैठक भी की गयी. वहां अवैध निर्माण, अवैध पार्किंग, तालाब पाटने जैसी कई समस्याओं को लेकर बीएमसी ने पुलिस को साथ में मिलकर काम करने का अनुरोध किया.विधाननगर निगम के एक अधिकारी ने बताया कि अवैध निर्माण कर प्रमोटर फ्लैट खरीदने वालों को धोखा दे रहे हैं. यदि निगम एफआइआर भी दर्ज करता है, तो प्रमोटर अग्रिम जमानत लेकर आसानी से छूट जा रहे हैं. ना ही फ्लैट का मूल्यांकन हो पाता है और ना ही कोई म्यूटेशन. अब विधाननगर नगर निगम अवैध निर्माण के मामलों में प्रमोटरों के खिलाफ गैर-जमानती धारा के तहत मामला दर्ज हो, इसे लेकर पुलिस से बातचीत कर कार्रवाई की तैयारी में जुटी है. मालूम रहे कि पहले कई शिकायत आने पर कई दिनों तक अवैध निर्माण बंद रहता और प्रमोटरों के खिलाफ एफआइआर भी की जाती है, लेकिन किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती. विधाननगर नगर निगम के मेयर परिषद सदस्य देबराज चक्रवर्ती ने कहा कि अवैध निर्माण को बढ़ावा देने वाले प्रमोटरों को कैसे रोका जा सकता है, इसके लिए उचित कानूनी प्रावधान लागू करने के लिए पुलिस से सलाह मांगी गयी है. निगम एफआइआर दर्ज कर सकता है लेकिन मामला किस धारा के तहत दर्ज किया जायेगा, यह पुलिस तय करेगी.इस बात पर भी चर्चा की गयी है कि अवैध निर्माण करना यह फ्लैट खरीदारों के साथ धोखा देने के समान है. इसके तहत भी उस मामले में धारा दर्ज किया जा सकता है. इसे लेकर भी पुलिस से चर्चा हुई.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है