बंगाल विभाजन के खिलाफ प्रस्ताव पर पक्ष-विपक्ष साथ

विधानसभा में अभूतपूर्व नजारा दिखा. सत्तापक्ष एवं विपक्ष के विधायकों ने एकजुट होकर इस प्रस्ताव का समर्थन किया. इसके बाद विधानसभा में बंगाल को विभाजित करने के प्रयास के खिलाफ लाया गया प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित हो गया.

By Prabhat Khabar News Desk | August 6, 2024 1:45 AM

विधानसभा. ध्वनिमत से पारित हुआ तृणमूल द्वारा पेश प्रस्तावसंवाददाता, कोलकाताविधानसभा के मॉनसून सत्र के आखिरी दिन सोमवार को सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने बंगाल विभाजन के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया. संसदीय कार्य मंत्री शोभनदेव चट्टोपाध्याय ने विधानसभा के नियम 185 के तहत उक्त प्रस्ताव लाया, जिस पर दो घंटे तक चर्चा हुई. इस दौरान विधानसभा में अभूतपूर्व नजारा दिखा. सत्तापक्ष एवं विपक्ष के विधायकों ने एकजुट होकर इस प्रस्ताव का समर्थन किया. इसके बाद विधानसभा में बंगाल को विभाजित करने के प्रयास के खिलाफ लाया गया प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित हो गया. इससे पहले भी दो बार पारित हो चुका है यह प्रस्ताव : 2021 के विधानसभा चुनाव के बाद बंगाल को विभाजित करने के प्रयासों के खिलाफ गत वर्ष फरवरी में भी ध्वनिमत से यह प्रस्ताव पारित हुआ था. यह तीसरी बार है. बता दें कि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष व केंद्रीय राज्यमंत्री सुकांत मजूमदार द्वारा उत्तर बंगाल के जिलों को पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय के अधीन शामिल करने का प्रस्ताव देने के बाद भाजपा से राज्यसभा सदस्य अनंत महाराज ने अलग कूचबिहार राज्य की मांग उठायी थी. कई भाजपा नेताओं द्वारा उत्तर बंगाल को अलग राज्य बनाने की मांग उठती रही है. इस पर शुभेंदु ने सफाई दी कि मजूमदार ने कभी भी बंगाल विभाजन के पक्ष में कुछ नहीं कहा. उन्होंने उत्तर बंगाल के विकास के लिए धनराशि के बारे में बात की थी.

ममता ने शुभेंदु से कहा- आप चाय पर घर बुलाइए, मैं आऊंगी :

शुभेंदु ने इस दौरान अलग कूचबिहार राज्य की मांग करने वाले भाजपा के राज्यसभा सदस्य अनंत महाराज से ममता की मुलाकात पर सवाल उठाया. इस पर ममता ने पलटवार करते हुए कहा, “ अनंत महाराज से मिलने में क्या दिक्कत है? उन्होंने मुझे चाय पर बुलाया था. आप भी मुझे चाय पर अपने घर बुला सकते हैं. मैं आऊंगी.”

बंगाल के विकास के लिए साथ मिलकर करें काम : ममता

सदन में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि हम सहकारी संघवाद में यकीन करते हैं. हम राज्य को विभाजित करने की किसी भी कोशिश के खिलाफ हैं. बंगाल ने देश की आजादी के लिए जंग लड़ा. बंगाल की संस्कृति और विरासत पूरे देश के लिए महत्वपूर्ण है. आइये, हम बंगाल के विकास के लिए साथ मिलकर काम करें. क्षेत्र के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को केवल उत्तर बंगाल विकास विभाग को आवंटित राशि से न आंकें.

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