बाघ के हमले में मारे गये मछुआरों के परिजनों को मुआवजा देने का आदेश

दक्षिण 24 परगना जिले के सुंदरवन क्षेत्र में बाघ के हमले से दो मछुआरों की मौत हो गयी थी. लेकिन आरोप है कि घटना के दो वर्ष बीतने के बाद भी अब तक मछुआरों के परिजनों को मुआवजा नहीं मिला है

By Prabhat Khabar News Desk | May 9, 2024 1:01 AM

कोलकाता. दक्षिण 24 परगना जिले के सुंदरवन क्षेत्र में बाघ के हमले से दो मछुआरों की मौत हो गयी थी. लेकिन आरोप है कि घटना के दो वर्ष बीतने के बाद भी अब तक मछुआरों के परिजनों को मुआवजा नहीं मिला है. इसे लेकर पीड़ित परिवार ने कलकत्ता हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर सुनवाई करते हुए हाइकोर्ट के न्यायाधीश सब्यसाची भट्टाचार्य ने राज्य सरकार को चार सप्ताह के अंदर दोनों मछुआरों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये के मुआवजे का भुगतान करने का आदेश दिया. मामले की सुनवाई के दौरान न्यायाधीश ने स्पष्ट रूप से कहा कि अगर किसी भी मछुआरे की बाघ के हमले से मौत होती है, तो उसके परिवार को मुआवजा मिलना चाहिये. यह नहीं देखा जाना चाहिये कि मछुआरा घने जंगल में था या नहीं, उस क्षेत्र में बाघ घूमते हैं या नहीं. सुंदरवन क्षेत्र में कहीं भी अगर बाघ के हमले से किसी व्यक्ति की जान जाती है तो राज्य सरकार पीड़ित परिवार को मुआवजा प्रदान करेगी. याचिकाकर्ता के वकील कौशिक गुप्ता व श्रीमयी मुखोपाध्याय ने बताया कि 12 नवंबर 2022 को वन विभाग की अनुमति लेकर कुलतली के काटामारी इलाके रहने वाले दिलीप सरदार सुंदरवन की नदी में मछली व केकड़ा पकड़ने के लिए गया था. इसी प्रकार, एक और मछुआरा अमल दंडपात भी वन विभाग की अनुमति लेकर वहां गया था, लेकिन बाघ के हमले में दोनों की मौत हो गयी. लेकिन राज्य सरकार ने अब तक पीड़ित परिवार को मुआवजा नहीं दिया है. मामले की सुनवाई करते हुए कलकत्ता हाइकोर्ट ने दोनों परिवार के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version