नाबालिग बेटी की शादी कर बुरे फंसे माता-पिता
पुलिस ने मामले की जांच शुरू की और पाया कि शादी के दौरान लड़की की उम्र 17 साल थी.
आसनसोल. आसनसोल नॉर्थ थाने में ऐसा अनोखा मामला दर्ज हुआ है, जिसे लेकर पुलिस भी हैरान -परेशान है. 17 साल की नाबालिग बेटी की शादी करके 10 माह बाद लड़की के माता-पिता बुरे फंस गये हैं. नौ माह की गर्भवती लड़की के अस्पताल में भर्ती होते ही चिकित्सक ने इसकी सूचना पुलिस को दी. पुलिस ने मामले की जांच शुरू की और पाया कि शादी के दौरान लड़की की उम्र 17 साल थी. उसके बाद आसनसोल नॉर्थ थाना क्षेत्र के जहांगीरी मोहल्ला टीओपी के पुलिस अवर निरीक्षक सुशोभन बनर्जी की शिकायत पर लड़की के माता-पिता के खिलाफ केस नंबर 286/24 में बाल विभाग अधिनियम 2006 की धारा 9/10/11 और यौन अपराध से बच्चों का संरक्षण अधिनियम 2012 (पॉक्सो) की धारा 4/6 के तहत शुक्रवार रात को प्राथमिकी दर्ज हुई. मामले में अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है. पुलिस के अनुसार जांच में यदि इस बात की पुष्टि होती है कि लड़केवालों ने जानबूझ कर नाबालिग लड़की से शादी की है, तो उन पर भी मामला दर्ज होगा.
गौरतलब है कि नाबालिग लड़कियों की शादी रोकने के लिए वर्ष 2006 में बाल विवाह अधिनियम कानून बना था. इसके तहत बाल विवाह को दंडनीय अपराध की श्रेणी में आ गया. इसके तहत दो साल की कैद और एक लाख रुपये जुर्माना का प्रावधान है. पश्चिम बंगाल राज्य सरकार ने बाल विवाह को रोकने के अनेकों सामाजिक पहल की है, जिसके तहत अनेकों बाल विवाह रोका गया है, लेकिन पहली बार बाल विवाह के किसी मामले में माता-पिता पर बाल विवाह अधिनियम और पॉक्सो के तहत प्राथमिकी दर्ज हुई है.क्या है पूरा मामला? कैसे पहुंचा पुलिस के पास?
आसनसोल नॉर्थ थाना क्षेत्र के ओके रोड इलाके की निवासी व नौ माह की एक गर्भवती युवती प्रसवपीड़ा के साथ 11 जून को आसनसोल जिला अस्पताल में दाखिल हुई. जिला अस्पताल के सहायक अधीक्षक को इस युवती के नाबालिग होने के शक हुआ, जिसपर उन्होंने आसनसोल साउथ थाना पुलिस को इसकी सूचना दी. यह सूचना आसनसोल साउथ थाना पुलिस ने आसनसोल नॉर्थ थाना पुलिस को आधिकारिक रूप में मेल करके भेजी. जिसके उपरांत जहांगीरी मोहल्ला टीओपी के अवर निरीक्षक श्री बनर्जी ने इस मामले को लेकर जांच शुरू की. उन्होंने अपनी शिकायत में बताया कि लड़की और लड़के दोनों के परिजनों से पूछताछ की गयी. जिसमें पता चला कि दोनों परिवारों की आपसी सहमति से मुस्लिम रीति रिवाजों के आधार पर तीन मई 2023 को दोनों की शादी हुई थी और तब से दोनों पति-पत्नी की तरह ही रह रहे हैं. इसी क्रम में लड़की गर्भवती हुई. श्री बनर्जी ने शादी का सर्टीफिकेट दिखाने को कहा. परिजनों ने निकाहनामा पेश किया, जिसमें शादी के दिन लड़की के उम्र का उल्लेख 18 वर्ष दर्शाया गया है. पुलिस अधिकारी ने निकाहनामा के आधार पर लड़की की उम्र के कागजात दिखाने को कहा. कागजात के तौर पर आधार कार्ड पेश किया गया. आधार कार्ड में लड़की की उम्र 22 फरवरी 2007 है. उसके आधार पर शादी के समय लड़की 18 साल की नहीं हुई थी और वह नाबालिग थी. वह नाबालिग उम्र में ही गर्भवती हो गयी है. जांच के आधार पर पुलिस ने फिलहाल लड़की के माता-पिता को आरोपी बना कर प्राथमिकी दर्ज की है. यदि यह सबूत मिल जाता है कि लड़केवालों को लड़की के नाबालिग होने की जानकारी के बाद भी यह शादी हुई, तो उन पर भी मामला दर्ज होगा.
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