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विद्यार्थियों में आत्महत्या की प्रवृत्ति रोकने को सरकार ने क्या किया?

कड़ी प्रतियोगिता के कारण विद्यार्थियों पर मानसिक दबाव बढ़ रहा है. इसके साथ ही उनमें आत्महत्या की प्रवृत्ति भी बढ़ती जा रही है. पिछले वर्ष संसद में पेश हुई एक रिपोर्ट के मुताबिक 2018 से 2023 तक केंद्रीय शिक्षण संस्थानों के लगभग 98 विद्यार्थियों ने खुदकुशी की है. आत्महत्या की इस प्रवृत्ति को रोकने के लिए राज्य सरकार ने क्या कदम उठाया है,

कोलकाता.

कड़ी प्रतियोगिता के कारण विद्यार्थियों पर मानसिक दबाव बढ़ रहा है. इसके साथ ही उनमें आत्महत्या की प्रवृत्ति भी बढ़ती जा रही है. पिछले वर्ष संसद में पेश हुई एक रिपोर्ट के मुताबिक 2018 से 2023 तक केंद्रीय शिक्षण संस्थानों के लगभग 98 विद्यार्थियों ने खुदकुशी की है. आत्महत्या की इस प्रवृत्ति को रोकने के लिए राज्य सरकार ने क्या कदम उठाया है,

इसकी जानकारी को लेकर कलकत्ता हाइकोर्ट में मंगलवार को जनहित याचिका दायर की गयी.

याचिकाकर्ता ने बताया कि आत्महत्या की प्रवृत्ति रोकने के लिए 2017 में केंद्र सरकार ने एक कानून तैयार किया था. मेंटल हेल्थ नामक इस कानून की धारा 100 में कई कदम उठाने की बात कही गयी है. इसके लिए देश के सभी जिलों को 83 लाख रुपये देने की बात भी कही गयी है. सात साल बाद भी यह कानून बंगाल में लागू नहीं हो सका है. इस कानून को राज्य में लागू करने सहित सरकार इस दिशा में क्या कदम उठा रही है, इसकी जानकारी देने को लेकर ही उन्होंने मामला दर्ज कराया है. आगामी गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ में इस मामले की सुनवाई होने की संभावना है.

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