वाम मोर्चा और कांग्रेस के लिए बैसाखी लेकर आयी है पीरजादा अब्बास सिद्दीकी की पार्टी आइएसएफ : फिरहाद
नवगठित संयुक्त मोर्चा को लेकर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के नेता फिरहाद हकीम ने तंज कसा है. कहा कि राज्य में वाम दलों और कांग्रेस की ऐसी हालत हो गयी है कि वे एक-दूसरे को सहारा देकर आगे चलने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसे में अब आइएसएफ दोनों के लिए 'बैसाखी' लेकर सामने आयी है.
कोलकाता : पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद महानगर के ब्रिगेड परेड ग्राउंड में रविवार को वाम मोर्चा, कांग्रेस और इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आइएसएफ) की पहली संयुक्त सभा हुई. यहां पार्टियों के गठबंधन को ‘संयुक्त मोर्चा’ का नाम दिया गया.
नवगठित संयुक्त मोर्चा को लेकर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के नेता फिरहाद हकीम ने तंज कसा है. उन्होंने कहा कि राज्य में वाम दलों और कांग्रेस की ऐसी हालत हो गयी है कि वे एक-दूसरे को सहारा देकर आगे चलने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसे में अब आइएसएफ दोनों के लिए ‘बैसाखी’ लेकर सामने आयी है.
उन्होंने कहा कि संयुक्त मोर्चा में दरार है. यह मंच पर फुरफुरा शरीफ के पीरजादा और आइएसएफ प्रमुख अब्बास सिद्दीकी और कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी की तकरार से ही लगाया जा सकता है.
Also Read: AIMIM चीफ ओवैसी की तरह कहीं के नहीं रहेंगे लालू के लाल RJD नेता तेजस्वी यादव?
ब्रिगेड में भीड़ का मतलब चुनाव में जीत नहीं
तृणमूल कांग्रेस के नेता ने दावा किया है कि वाम दलों के अपने कुछ कैडर हैं, जो निर्देश मिलने पर ब्रिगेड में हाजिर हुए थे. ब्रिगेड की सभा में भीड़ जुटाने का यह मतलब नहीं है कि चुनाव में जीत हासिल कर ली जाये. चुनाव में विजयी होने के लिए लोगों से जुड़ना पड़ता है. लोगों के करीब तृणमूल कांग्रेस ही है.
उन्होंने दावा किया कि इस बार होने वाले विधानसभा चुनाव में भी तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी के नेतृत्व में पार्टी जीत हासिल करेगी. ब्रिगेड परेड ग्राउंड की विशाल जनसभा को लेकर तृणमूल के अन्य नेता सुब्रत मुखर्जी ने कहा है कि यह वाम मोर्चा, कांग्रेस और आइएसएफ का फ्लॉप शो रहा है.
Also Read: बंगाल चुनाव में हो रहा है कोरोना से निबटने के लिए बने PM Cares Fund का इस्तेमाल!
पहले ज्यादा होती थी लेफ्ट की रैली में भीड़
सुब्रत मुखर्जी ने कहा कि उन्होंने इसके पहले भी वाम मोर्चा की ब्रिगेड में कई जनसभाएं देखी हैं. पहले उनकी सभाओं में जितनी भीड़ होती थी, उसके मुकाबले इस बार लोगों की तादाद वैसी नहीं थी. इसलिए वह तीन दलों के संयुक्त सम्मेलन को फ्लॉप शो ही कहेंगे.
Posted By : Mithilesh Jha