पीएम मोदी की सौगातें : कोलकाता में पहले अंडर रिवर मेट्रो को दिखाएंगे हरी झंडी, VIDEO में देखें सुहाना सफर
पीएम मोदी 6 मार्च को पश्चिम बंगाल को कई सौगातें देंगे. कोलकाता में देश का पहला अंडर रिवर मेट्रो ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे. वीडियो में देखें कितना सुहाना होने वाला है यात्रियों का सफर.
PM Modi Under Water Metro Train Service: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार (6 मार्च 2024) को पश्चिम बंगाल को कई सौगातें देंगे. खासकर कोलकाता को. कोलकाता में देश का पहला अंडर रिवर मेट्रो ट्रेन आज से दौड़ने लगेगा. प्रधानमंत्री मोदी इसे हरी झंडी दिखाएंगे.
इस मेट्रो सेवा का भी शुभारंभ करेंगे प्रधानमंत्री मोदी
इसके साथ-साथ कवि सुभाष-हेमंत मुखोपाध्याय मेट्रो लाइन और तारातला-माझेरहाट खंड में मेट्रो ट्रेन सेवा का भी पीएम मोदी उद्घाटन करेंगे. कार्यक्रम से पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय दौरे पर मंगलवार (5 मार्च) की शाम को ही कोलकाता पहुंच गए.
कोलकाता की 3 मेट्रो परियोजनाओं का करेंगे उद्घाटन
- पीएम बुधवार को कोलकाता की तीन मेट्रो परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे.
- वह ईस्ट-वेस्ट मेट्रो कॉरिडोर के तहत हुगली नदी के नीचे से चलने वाली देश की पहली मेट्रो ट्रेन को हरी झंडी दिखायेंगे.
- हावड़ा मैदान से एस्प्लेनेड तक मेट्रो सेवा की शुरुआत करेंगे.
- कवि सुभाष-हेमंत मुखोपाध्याय मेट्रो लाइन और तारातला-माझेरहाट मेट्रो खंड में ट्रेन सेवा का उद्घाटन करेंगे.
15400 करोड़ की मेट्रो परियोजनाओं की देंगे सौगात
एस्प्लेनेड मेट्रो स्टेशन में कोलकाता सहित देशभर की 15,400 करोड़ की मेट्रो परियोजनाओं के उद्घाटन के लिए बुधवार सुबह कार्यक्रम का आयोजन होगा. यहीं से पीएम मोदी मेट्रो परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगे.
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ये लोग भी रहेंगे मौजूद
इस मौके पर राज्यपाल डॉ सीवी आनंद बोस, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव व केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी उपस्थित रहेंगे.
देश में पहली बार पानी के नीचे चलेगी मेट्रो ट्रेन
यह पहला अवसर होगा कि देश में कहीं भी पहली बार नदी के नीचे (अंडर वाटर) से बने सुरंग के जरिये ट्रेन सेवा शुरू होगी. ईस्ट-वेस्ट मेट्रो कॉरिडोर परियोजना की नींव वर्ष 2009 में रखी गयी थी. अत्याधुनिक तकनीक का प्रयोग करते हुए सुरंग तैयार की गयी.
हुगली नदी के नीचे ट्रेन के लिए बनी 520 मीटर लंबी सुरंगें
हुगली नदी के नीचे लगभग 520 मीटर लंबी 2 सुरंग बनाने का काम 23 मई और 21 जून 2017 को पूरी हुई थी और इसके बाद यहां ट्रैक बिछाने सहित अन्य आधारभूत सुविधाओं का विकास किया गया. इस निर्माण से जुड़े कर्मियों और अधिकारियों में खुशी का माहौल है.
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सुरंग की ऊपरी मंजिल नदी के जलस्तर से 100 फीट नीचे
उनका कहना है कि नदी तल के नीचे सुरंग बनाने का काम आसान नहीं था. नदी तल के नीचे स्थिर मिट्टी की परत खोजने के लिए मेट्रो सुरंग को काफी नीचे करना पड़ा था. इसलिए सुरंग की ऊपरी मंजिल नदी के जल स्तर से लगभग 100 फीट नीचे है.
कोलकाता में चल रही रेल परियोजनाएं
- कोलकाता महानगर में ईस्ट-वेस्ट मेट्रो कॉरिडोर के तहत पहले से ही सियालदह से सॉल्टलेक सेक्टर-फाइव तक आंशिक सेवा का संचालन किया जा रहा है, जिसका उद्घाटन 13 फरवरी 2020 में तत्कालीन रेल मंत्री पीयूष गोयल ने किया था.
- एस्प्लेनेड से सियालदह के बीच मेट्रो का काम अभी चल रहा है. 16.5 किलोमीटर लंबी मेट्रो लाइन हुगली के पश्चिमी तट पर स्थित हावड़ा को पूर्वी तट पर सॉल्टलेक शहर से जोड़ती है. 10.8 किलोमीटर हिस्सा भूमिगत है. यह भारत की पहली ऐसी परिवहन परियोजना है, जिसमें मेट्रो ट्रेन नदी के नीचे बनी सुरंग से गुजरेगी.
बारासात में जनसभा और रोड शो करेंगे पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को उत्तर 24 परगना जिले के बारासात में जनसभा को संबोधित करेंगे. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस से पहले प्रधानमंत्री बारासात में आयोजित सभा से देशभर की नारी शक्ति का वंदन करेंगे. बारासात के कचहरी मैदान में आयोजित सभा में देशभर से छह हजार महिलाएं वर्चुअली जुड़ेंगी. बताया गया है कि सभा स्थल पर पहुंचने से पहले पीएम मोदी यहां रोड शो भी करेंगे.
ईस्ट-वेस्ट मेट्रो की खास बातें
- ईस्ट-वेस्ट मेट्रो के एस्प्लानेड से हावड़ा मैदान खंड का उद्घाटन पीएम मोदी कर रहे हैं.
- गंगा के नीचे एक सुरंग में 10 मंजिला मकान जितनी गहराई में मेट्रो दौड़ेगी.
- देश में पहली बार मेट्रो ट्रेन के यात्री नदी के नीचे यात्रा करेंगे.
सुरंग के निर्माण में बरती गई सावधानियां
- गंगा के नीचे मेट्रो के लिए सुरंग बनाने के दौरान टीबीएम को दिया गया पनडुब्बियों का रूप.
- गंगा के नीचे सुरंग बनाने के लिए चुनी गई टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) की रचना और ‘मोशन’ को खुदाई के दौरान एक आभासी पनडुब्बी का रूप दिया गया था.
- यह मिट्टी खोदने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला उपकरण है. पानी में सुरंग बनाने के दौरान यह डूब न जाए, इसका पूरा ध्यान रखा गया.
- यह भी ध्यान रखा गया कि किसी भी आपात स्थिति के दौरान पानी के प्रवेश का खतरा न रहे.