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पुलिस ने किया अरेस्ट, फैल गयी अपहरण की अफवाह

दुर्गापुर सिटी सेंटर पोस्टऑफिस के एक कर्मचारी माखनलाल मीणा को यूपी पुलिस ने चोरी व लूट के मामले में गिरफ्तार किया है. यह गिरफ्तारी काफी नाटकीय रही, जिसे लेकर पूरे कमिश्नरेट में खलबली मच गयी. गिरफ्तारी को अपहरण समझ कर पूरे कमिश्नरेट इलाके में हाई अलर्ट कर दिया गया था. आसनसोल नॉर्थ थाने की गिरफ्त में आने के बाद खुलासा हुआ कि यूपी पुलिस उक्त आरोपी को गिरफ्तार करके अपने साथ ले जा रही थी.

आसनसोल/दुर्गापुर.

दुर्गापुर सिटी सेंटर पोस्टऑफिस के एक कर्मचारी माखनलाल मीणा को यूपी पुलिस ने चोरी व लूट के मामले में गिरफ्तार किया है. यह गिरफ्तारी काफी नाटकीय रही, जिसे लेकर पूरे कमिश्नरेट में खलबली मच गयी. गिरफ्तारी को अपहरण समझ कर पूरे कमिश्नरेट इलाके में हाई अलर्ट कर दिया गया था. आसनसोल नॉर्थ थाने की गिरफ्त में आने के बाद खुलासा हुआ कि यूपी पुलिस उक्त आरोपी को गिरफ्तार करके अपने साथ ले जा रही थी. इसकी सूचना स्थानीय पुलिस को नहीं होने के कारण अपहरण की अफवाह पर हड़कंप मच गया. पुलिस उपायुक्त (ईस्ट) अभिषेक गुप्ता ने बताया कि आरोपी को ट्रांजिट रिमांड लेने की प्रक्रिया चल रही है. यूपी पुलिस आरोपी को अदालत में पेश करके ट्रांजिट रिमांड की अपील करेगी. ट्रांजिट रिमांड के आधार पर वह उसे अपने साथ लेकर जायेगी. गौरतलब है कि दुर्गापुर कोकओवन थाना क्षेत्र अंतर्गत नववारिया इलाके का निवासी व सिटी सेंटर पोस्टऑफिस का कर्मचारी माखनलाल मीणा सुबह पौने दस बजे अपने घर से बाइक लेकर ड्यूटी के लिए निकला, जैसे ही वह दुर्गापुर थाना क्षेत्र इलाके में एनएच-19 पर चढ़ने वाला था, उसी दौरान चार लोगों ने उसे घेर लिया और पीटते हुए अपनी कार में बैठाकर आसनसोल की ओर रवाना हो गये. यह घटना स्थानीय कुछ लोगों ने देखी और तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दी. सूचना मिलते ही कमिश्नरेट के अंतर्गत सभी थानों में हाईअलर्ट कर दिया गया. नाका चेकिंग के दौरान आसनसोल नॉर्थ थाना क्षेत्र के कन्यापुर पुलिस फांड़ी अंतर्गत जुबली इलाके में इस कार को पुलिस ने रोक लिया. माखनलाल सहित कार में सवार पांच लोगों को पुलिस फांड़ी में लाया गया. सूचना वरिष्ठ अधिकारियों को दी गयी. एडीपीसी ईस्ट जोन के सहायक पुलिस आयुक्त अपने साथ दुर्गापुर पुलिस टीम को लेकर पहुंचे और जांच के बाद उन्होंने बताया कि यूपी पुलिस की टीम ने किसी मामले में एक आरोपी को पकड़ा है. यूपी पुलिस के साथ-साथ सभी को वे अपने साथ दुर्गापुर ले गये.

क्या कहना है यूपी पुलिस के अधिकारी का

आगरा पुलिस कमिश्नरेट (यूपी) के शाहगंज थाने की छापेमारी टीम का नेतृत्व दे रहे अवर निरीक्षक ने बताया कि माखनलाल मीणा पर चोरी व लूट का मामला उनके थाने में दर्ज है. इसी मामले में उसे गिरफ्तार किया गया है. स्थानीय पुलिस को सूचित कर दिया गया है. कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद आरोपी को अपने साथ ले जायेंगे. आरोपी को पकड़ने से पहले स्थानीय पुलिस को सूचित नहीं करने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि जबतक स्थानीय पुलिस को सूचित करते तब तक आरोपी भाग जाता. गिरफ्तार करने के बाद स्थानीय पुलिस के पास वह पहुंच गये.

माखनलाल मीणा पर क्या है आरोप

पुलिस सूत्रों के अनुसार शाहगंज थाना क्षेत्र इलाके में गहने की एक दुकान से जेवरात खरीदकर बाहर निकले व्यक्ति को लूट लिया गया था. जिसमें तीन आरोपी थे. दो आरोपी हाल के दिनों में पकड़े गये. उनलोगों ने तीसरे आरोपी के रूप में माखनलाल मीणा का नाम बताया. जिसके आधार पर पुलिस उसे गिरफ्तार करने के लिये दुर्गापुर पहुंची.

मोबाइल फोन के टावर लोकेशन के आधार पर माखनलाल को दबोचा

यूपी पुलिस की टीम माखनलाल के मोबाइल फोन नंबर को ट्रैक कर रही थी. जिसके आधार पर ही उसे पकड़ने में सफल रही. छापेमारी टीम में एक अवर निरीक्षक, दो कांस्टेबल और दो कार चालक थे. उनका लक्ष्य किसी तरह आरोपी को पकड़ना था और बिना रुके सीधे शाहगंज थाने में पहुंचना था. इसलिए दो चालक साथ लेकर वे चले थे.

दूसरे राज्य में आरोपी को पकड़ने पर क्या है कानूनी प्रावधान

पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया किसी भी आरोपी को पकड़ने के 24 घंटे के अंदर उसे अदालत में हाजिर करना होता है. जब किसी दूसरे राज्य के आरोपी को पकड़ा जाता है तो 24 घंटे के अंदर उसे अदालत में हाजिर करना संभव नहीं होता है, ऐसे में उसे जहां पकड़ा गया वहीं के स्थानीय अदालत में पेश किया जाता है और ट्रांजिट रिमांड की अपील की जाती है. आरोपी को अपने यहां की अदालत में लाकर हाजिर करने में जितना समय लग सकता है, उतने समय की अपील की जाती है. अदालत से मिले उस समय के अंदर ही आरोपी को मामले से जुड़े अदालत में हाजिर करना होता है. यूपी पुलिस ने इस मामले में ऐसा नहीं किया. उसने स्थानीय पुलिस को भी सूचित नहीं किया. यदि इस दौरान आम जनता यदि अपहरण को लेकर उन्हें घेर लेती तो कानून व्यवस्था की विकट स्थिति उत्पन्न हो सकती थी. इसलिए स्थानीय पुलिस को सूचित करके ही काम करना चाहिए. यदि समय की कमी हो तो पकड़ने के बाद तुरंत सबसे नजदीकी थाने में पहुंच जाना चाहिए. इससे खतरा काफी कम हो जाता है.

कई बार आरोपी को पकड़ने के दौरान दो राज्यों की पुलिस के बीच हुआ है तनाव

एडीपीसी की एक टीम डकैती के एक मामले में झारखंड में एक आरोपी को पकड़ने गयी थी. जिसकी सूचना स्थानीय पुलिस को नहीं थी. आरोपी ट्रू वैल्यू शॉप से कार खरीदकर निकला और पहले से घात लगाकर बैठी पुलिस ने हथियारों को नोक पर आरोपी को पकड़ लिया. जैसे ही पुलिस उसे अपने साथ लेकर निकली, स्थानीय लोगों ने अपहरण की खबर फैला दी. झारखंड पुलिस और बंगाल पुलिस के बीच मुठभेड़ की स्थिति बन गयी. आखिरकार आपसी गलतफहमी दूर होने के बाद स्थिति सामान्य हुई. कोलकाता पुलिस की एक टीम जामताड़ा (झारखंड) जिला के कर्माटाड़ इलाके में छापेमारी करके कुछ आरोपियों को अपने साथ ला रही थी. इस घटना में भी स्थानीय पुलिस को सूचित नहीं किया गया और अपहरण की अफवाह फैल गयी. मिहिजाम में बंगाल झारखंड बॉर्डर पर झारखंड पुलिस ने गाड़ी को रोक लिया और अपने साथ थाने लेकर चली गयी. कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद पुलिस उसे अपने साथ ला पायी. वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि कई मामलों में स्थानीय पुलिस को सूचित किये बगैर यदि आरोपी का सही ठिकाना मिल जाता है तो पुलिस उसे उठाकर ले आती है. बाद में स्थानीय पुलिस को पता चलता है.

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