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रात आदिवासी क्षेत्र में जाना पुलिस टीम पर पड़ा भारी, पथराव में चार पुलिसवाले जख्मी

आसनसोल नॉर्थ थाना क्षेत्र में ब्लू फैक्टरी के कल्ला आदिवासी इलाके में शुक्रवार रात करीब 9:00 बजे बच्चा चोर को पकड़ लेने की खबर फैल गयी. इसे सुन कर उक्त थाने की पुलिस दल-बल के साथ वहां पहुंची, लेकिन पुलिस को देखते ही आदिवासी भड़क गये और पुलिस टीम पर पथराव करने लगे. इसमें तीन पुलिसवाले व एक सिविक वॉलंटियर घायल हो गये.

आसनसोल.

आसनसोल नॉर्थ थाना क्षेत्र में ब्लू फैक्टरी के कल्ला आदिवासी इलाके में शुक्रवार रात करीब 9:00 बजे बच्चा चोर को पकड़ लेने की खबर फैल गयी. इसे सुन कर उक्त थाने की पुलिस दल-बल के साथ वहां पहुंची, लेकिन पुलिस को देखते ही आदिवासी भड़क गये और पुलिस टीम पर पथराव करने लगे. इसमें तीन पुलिसवाले व एक सिविक वॉलंटियर घायल हो गये. गुस्साये ग्रामीणों ने एक पुलिस वैन और बस के सामने का कांच तोड़ दिया. बिगड़ती स्थिति को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस बल व रैफ को बुलाना पड़ा, तब जाकर स्थिति नियंत्रित हुई. पुलिस उपायुक्त (डीसी-सेंट्रल) ध्रुव दास भी मौके पर पहुंच गये और हालात पर काबू में जुटे रहे. इस बीच, पुलिस टीम पर हमला करनेवालों की सरगर्मी से तलाश की जा रही है. घटनास्थल व आसपास के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज पुलिस खंगाल रही है ताकि उपद्रवियों को पहचान कर शिकंजे में लिया जा सके. कुछ युवकों को पुलिस ने हिरासत में लिया है. इलाके में उत्तेजना के मद्देनजर पुलिस टुकड़ी तैनात कर दी गयी है, जो रह-रह कर इलाके में गश्त कर रही है. मौके पर आसनसोल उत्तर थाना प्रभारी अमित दास, आसनसोल दक्षिण थाना प्रभारी कौशिक कुंडू, स्थानीय पार्षद उत्पल सिन्हा आदि मौजूद रहे. इस संबंध में डीसी (सेंट्रल) ध्रुव दास ने कहा कि रात करीब 9:00 बजे आसनसोल नॉर्थ थाने की पेट्रोलिंग पुलिस को खबर मिली थी कि आदिवासी इलाके में कुछ घटना हुई है. उसके बाद पुलिस टीम आदिवासी इलाके में पहुंच गयी. लेकिन वहां पुलिस को देखते हुए गांव के आदिवासी हिंसक हो गये और पत्थरबाजी करने लगे, जिसमें कुछ पुलिसवाले जख्मी हो गये. मामले में कुछ लोगों को पकड़ कर पुलिस थाने ले गयी है. उनसे पूछताछ की जा रही है. इधर, तृणमूल पार्षद उत्पल सिन्हा ने बताया कि शुक्रवार रात करीब 9:00 बजे आदिवासी इलाके के लोगों ने बच्चा चोर के शक में कुछ युवकों को पकड़ कर बंधक बना लिया था. यह खबर मिलते ही पुलिस टीम जब वहां पहुंची, तो आदिवासी समाज के लोग कुपित हो गये और हिंसक होकर पुलिस पर ही हमला कर दिया. तृणमूल नेता के मुताबिक ऐसा कुछ भ्रांति या गलतफहमी की वजह से हुआ. आदिवासियों के पथराव में तीन पुलिसवालों और एक सिविक वॉलंटियर को चोट लगने की बात कही जा रही है. कहा जा रहा है कि बच्चा चोर होने के संदेह में कुछ लोगों को आदिवासियों ने पकड़ कर बांध लिया था और उन्हें पीटने वाले थे. लेकिन उससे पहले ही पुलिस वहां पहुंच गयी. इससे आदिवासी भड़क कर पुलिस पर ही हमलावर हो गये. इससे बच्चा चोरी का मामला कहीं पीछे दब गया. पार्षद ने बताया कि आम तौर पर आदिवासी रात 9:00 बजे तक सो जाते हैं. रात में पुलिस टीम को देख कर आदिवासी भड़क गये और हिंसक होकर हमला कर दिया. पुलिस की गाड़ियों के शीशे तोड़ डाले. बचाव में पुलिस को भी जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी. मामले में कई लोगों को पकड़ कर पुलिस थाने ले गयी है.

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