उत्तर-दक्षिण 24 परगना के सुदूर मतदान केंद्रों पर पहुंचे मतदानकर्मी

लोकसभा चुनाव के सातवें व अंतिम चरण के लिए एक जून यानी शनिवार को होने वाले मतदान के दिन दक्षिण बंगाल में बारिश हो सकती है.

By Prabhat Khabar News Desk | May 31, 2024 1:01 AM

कोलकाता. लोकसभा चुनाव के सातवें व अंतिम चरण के लिए एक जून यानी शनिवार को होने वाले मतदान के दिन दक्षिण बंगाल में बारिश हो सकती है. इसी दिन उत्तर और दक्षिण 24 परगना के बशीरहाट, जयनगर और मथुरापुर के 260 से अधिक सुदूर मतदान केंद्रों पर भी वोट डाले जायेंगे. बीते दिनों चक्रवात रेमाल के कारण उक्त दोनों जिलों के तटीय क्षेत्रों का एक बड़ा हिस्सा पहले ही क्षतिग्रस्त हो चुका है, इसलिए इन इलाकों में मतदान कराना चुनाव आयोग के लिए बड़ी चुनौती मानी जा रही है. गुरुवार सुबह से ही चुनाव आयोग सक्रिय है. चुनाव कर्मी गुरुवार को उक्त लोकसभा केंद्रों के विभिन्न पोलिंग स्टेशनों पर नदी मार्ग से पहुंचे. इस चरण में सुदूर सुंदरवन की जयनगर लोकसभा सीट के गोसाबा विधानसभा, मथुरापुर के पाथरप्रतिमा, बशीरहाट के संदेशखाली सहित कई मतदान केंद्रों पर चुनाव कर्मी पहुंच चुके हैं. चुनाव आयोग की ओर से बताया गया है कि इन मतदान केंद्रों पर बारिश या अन्य वजहों से रात में बिजली आपूर्ति बाधित हो जाती है. ऐसी किसी भी समस्या से निबटने के लिए भी चुनाव आयोग की ओर से इंतजाम किये जा रहे हैं. बशीरहाट सहित उक्त अन्य मतदान केंद्रों के मतदान कर्मियों को इमरजेंसी लाइटें दी गयी हैं. वहीं, गोसाबा और पाथरप्रतिमा के मतदान कर्मियों को लाइफ जैकेट भी दिये गये. ज्ञात हो कि रेमाल के कारण बशीरहाट, जयनगर, मथुरापुर, दमदम, बशीरहाट जैसे लोकसभा क्षेत्रों के 135 मतदान केंद्रों को नुकसान पहुंचा है. सबसे अधिक प्रभाव सुंदरवन के पास स्थित जयनगर लोकसभा के कई विधानसभा क्षेत्रों पर पड़ा था. इन लोकसभा क्षेत्रों में जयनगर, कुलतली, मगराहाट पूर्व, कैनिंग पूर्व और कैनिंग पश्चिम, बासंती और गोसाबा विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं. चक्रवात की वजह से गोसाबा से कैनिंग तक का क्षेत्र काफी प्रभावित हुआ है. वहीं, वोट से दो दिन पहले गुरुवार को डीसीआरसी केंद्र से मतदान कर्मी ईवीएम व वीवी पैट के साथ बूथ पर पहुंच गये. जयनगर के अंतर्गत गोसाबा एकमात्र दुर्गम विधानसभा है, जहां नदियों से घिरे कई द्वीपों में 16 ग्राम पंचायतें हैं, इसलिए नदी के रास्ते इन सुदूर द्वीपों के मतदान केंद्र तक पहुंचने में काफी समय लगता है. चूंकि, सुंदरवन इलाके में मौसम बदलता है, इसलिए चुनाव आयोग और जिला प्रशासन ने मतदानकर्मियों को दो दिन पहले यानी गुरुवार को ही गोसाबा द्वीप के बूथों पर पानी के रास्ते भेजने की व्यवस्था की है.

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