हाइकोर्ट व निचली अदालत दे सकेंगी जमानत : सुप्रीम कोर्ट
हाइकोर्ट व निचली अदालत दे सकेंगी जमानत : सुप्रीम कोर्ट
चुनाव बाद हिंसा मामला मामले को दूसरे राज्य में ले जाना चाहती है सीबीआइ संवाददाता, कोलकाता चुनाव बाद हिंसा के मामले में जमानत देने में अब कोई बाधा नहीं रही. आरोपियों को हाइकोर्ट या निचली अदालत नियम के मुताबिक जमानत दे सकती है. शुक्रवार को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अभय एस ओका व अगस्टीन जर्ज मसीह की खंडपीठ ने यह फैसला सुनाया. बता दें कि चुनाव बाद हिंसा मामले को राज्य से बाहर ले जाने के लिए सीबीआइ ने सर्वोच्च अदालत में आवेदन किया था. अदालत ने सभी पक्षों को हलफनामा देने को कहा है. 22 सितंबर को फिर से मामले की सुनवाई होगी. सर्वोच्च अदालत में मामले को लेकर एक आरोपी ने सवाल उठाया कि वर्ष 2021 से वह जेल में बंद है. कोई न्याय नहीं मिल रहा. मामला सर्वोच्च अदालत में लंबित है. इस हालत में उसे और कितने दिन जेल में गुजारने होंगे. इस आवेदन को सुनने के बाद अदालत ने कहा कि कानून के मुताबिक हाइकोर्ट या निचली अदालत से आरोपी जमानत ले सकते हैं. 2021 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद हिंसा की घटना को लेकर हाइकोर्ट ने सीबीआइ जांच का निर्देश दिया था. राज्य सरकार ने इस फैसले को सर्वोच्च अदालत में चुनौती दी थी, लेकिन शीर्ष अदालत ने हाइकोर्ट के फैसले को बहाल रखा था. सीबीआइ ने मामले की सुनवाई अन्य राज्य में ले जाने के लिए शीर्ष अदालत में आवेदन किया, क्योंकि गवाहों सहित अन्य को धमकी दी जा रही है. इसलिए सीबीआइ मामले को दूसरे राज्य में लेने जाना चाहती है.
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