रानीगंज डाकघर के पोस्टल सहायक को पांच साल की कैद, 40 हजार का जुर्माना भी
आसनसोल स्थित सीबीआइ की विशेष अदालत ने रानीगंज हेड पोस्टऑफिस में काउंटर क्लर्क व पोस्टल सहायक के पद पर रहे मलय पाल को पोस्टल फ्रॉड का दोषी करार देते हुए पांच साल के कारावास और 40 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनायी.
आसनसोल.
आसनसोल स्थित सीबीआइ की विशेष अदालत ने रानीगंज हेड पोस्टऑफिस में काउंटर क्लर्क व पोस्टल सहायक के पद पर रहे मलय पाल को पोस्टल फ्रॉड का दोषी करार देते हुए पांच साल के कारावास और 40 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनायी. जुर्माना नहीं देने की सूरत में दोषी को छह माह की और सजा काटनी होगी. मलय पाल पर वर्ष 2006 में पोस्टल रिकॉर्ड में धोखाधड़ी करने का आरोप लगा था. मामले की जांच के बाद वर्ष 2009 में सीबीआइ एसीबी कोलकाता ने प्राथमिकी दर्ज की. इस मामले में मलय जमानत पर रिहा था. 15 सालों तक इस मामले की सुनवाई चली. सारे सबूतों और गवाहों के बयान के आधार पर वरिष्ठ लोक अभियोजक राजेश कुमार ने यह साबित किया कि मलय पाल पर लगाया गया आरोप सही है. गुरुवार को अदालत ने अपना फैसला सुनाया और उसे पांच साल की कारावास तथा 40 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई. मलय पाल के पास इस फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती देने का अवसर है. गौरतलब है कि रानीगंज हेड पोस्टऑफिस में पोस्टल फ्रॉड के काफी बड़े-बड़े मामले सामने आया है और एक दर्जन से अधिक मामलों पर सीबीआइ ने प्राथमिकी दर्ज की है.सारे मामले अदालत में विचाराधीन है. जिसपर सुनवाई चल रही है. कुछ मामलों में आरोपियों को सजा भी हुई. पोस्टल रिकॉर्ड में हेराफेरी के एक मामले में आरोपी मनोज पाल को सजा होने से अन्य मामलों के आरोपियों में भी बेचैनी काफी बढ़ गयी है. सीबीआइ अदालत से हाल के दिनों मामलों का निष्पादन काफी त्वरित किया जा रहा है. अनेकों मामलों में आरोपियों को सजा भी हो चुकी है.
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