गांगपुर विस्फोट मामले में दो संदिग्धों के घर पर एनआइए ने लगाये पोस्टर
केंद्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने गांगपुर ब्लास्ट मामले में दो संदिग्धों के घर पर पोस्टर लगाकर उनके पकड़े जाने पर नकद इनाम देने की घोषणा की है. बीरभूम जिले के लोकपुर के गांगपुर इलाके में निरंजन मंडल और मृत्युंजय मंडल की तस्वीरों वाले रंगीन पोस्टर उनके घरों और क्षेत्र के सबसे महत्वपूर्ण इलाकों में लगाये गये हैं.
बीरभूम.
केंद्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने गांगपुर ब्लास्ट मामले में दो संदिग्धों के घर पर पोस्टर लगाकर उनके पकड़े जाने पर नकद इनाम देने की घोषणा की है. बीरभूम जिले के लोकपुर के गांगपुर इलाके में निरंजन मंडल और मृत्युंजय मंडल की तस्वीरों वाले रंगीन पोस्टर उनके घरों और क्षेत्र के सबसे महत्वपूर्ण इलाकों में लगाये गये हैं. एनआइए ने कहा है कि 31 साल में उस गांव में रहने वाले बबलू मंडल के दो बेटों निरंजन और मृत्युंजय का पता बताने वाले को एक-एक लाख रुपये के नगद इनाम दिया जायेगा. इस पोस्टर को देखने के बाद लोकपुर इलाके में हलचल शुरू हो गयी है.विस्फोट की हुई हैं कई घटनाएं
20 सितंबर 2019 को बीरभूम जिले के लोकपुर थाने के गांगपुर गांव में बबलू मंडल के घर पर विस्फोट की घटना हुई थी. जिससे टीन की शेड उड़कर उसकी दूसरी मंजिल पर जा गिरी थी. ग्राउंड फ्लोर की दूसरी मंजिल पर टीन शेड उड़ने के साथ ही मिट्टी की दीवार में चौड़ी दरार आ गयी थी. गौरतलब है कि उसी वर्ष और उसी महीने में बड़रा, सदाईपुर और खोवाज मोहम्मदपुर ग्राम में भी लगभग ऐसे ही विस्फोट की घटना हुई थी. स्थानीय थानों के जरिये प्रत्येक मामले में गैस सिलेंडर फटने या कुछ और विस्फोट की बात कही गई थी. पुलिस ने तर्क दिया था कि विस्फोट बबलू मंडल के घर की दूसरी मंजिल पर हुआ था, लेकिन उस समय घर की पहली मंजिल पर मौजूद लोगों को कोई नुकसान नहीं हुआ.कुछ बम फट गये थे. लेकिन कलकत्ता उच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति जयमाल्य बागची और न्यायमूर्ति विभाष पटनायक की खंडपीठ में 2022 में सदाईपुर थाने के रंगुनी गांव की रहने वाली हैतुन्नेसा खातून के गौशाले में विस्फोट की घटना के मामले को लेकर एनआइए ने अदालत का दरवाजा खटखटाया. आरोप था कि सीआइडी सभी दस्तावेज उपलब्ध नहीं करा रही थी. दो न्यायाधीशों की खंडपीठ ने सीआइडी को जल्द से जल्द दस्तावेज एनआइए को सौंपने का निर्देश दिया था. निर्देशों के साथ ही जजों ने अपनी टिप्पणियों में कहा था, कानून के मुताबिक, जब ऐसी कोई घटना होती है तो राज्य की जांच एजेंसी एनआइए को प्रारंभिक रिपोर्ट भेजती है. इस मामले में वह रिपोर्ट नहीं भेजी गयी. दस्तावेज मिलने के बाद एनआइए ने पिछले दो वर्षों में लोकपुर इलाके के कई स्थानीय नेताओं से पूछताछ की क्योंकि इलाके के कई लोग बबलू मंडल की राजनीतिक पहचान को लेकर असमंजस में थे.
राजनीतिक दलों ने लगाया एक दूसरे पर आरोप
तृणमूल नेताओं ने दावा किया कि बबलू मंडल ने भाजपा में अपना नाम दर्ज करा लिया था. इलाके की खुली खदान सागडांगा पर कब्जे को लेकर राजनीति चल रही थी. भाजपा के लिए साग डांगा पर कब्जा करने के लिए बबलू के घर में बम छिपा कर रखे गये थे. हालांकि विस्फोट के बाद से ही भाजपा नेताओं ने बबलू के साथ भाजपा के गठबंधन से इनकार किया था. दुबराजपुर विधानसभा क्षेत्र के लिए भाजपा के संयोजक सुकुमार नंदी ने कहा था कि भाजपा किसी भी बदमाश को जगह नहीं देती है.
बबलू हमेशा से तृणमूल का था और अब भी है. इस घटना के बाद तृणमूल नेता मृणालकांति घोष उर्फ केदार घोष पर बबलू मंडल को अपने गुप्त डेरे में शरण देने का आरोप लगा था. इसीलिए पिछले दो वर्षों में एनआइए ने तृणमूल के केदार घोष से लेकर इस्लाम कुड़ी के कई नेताओं को बुलाकर पूछताछ की. केदार घोष वर्तमान में खैराशोल ब्लॉक प्रबंधन समिति के संयुक्त संयोजक हैं. लोकपुर थाने के गांगपुर गांव में गौशाला में हुए विस्फोट और बबलू मंडल के घर पर हुए विस्फोट की जांच का आदेश एनआइए को दिया गया है. सीआइडी ने दोनों विस्फोटों की जांच की लेकिन बाद के मामलों के दस्तावेज एनआइए को हाई कोर्ट की फटकार के बाद सौंपा गया. संयोजक श्यामल गायेन ने कहा कि बाहर होने के कारण उन्हें मामले की जानकारी नहीं है. हालांकि एनआइए द्वारा गांगपुर गांव में दो लड़कों के नाम से पोस्टर लगाये जाने से हलचल शुरू हो गई है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है