आसनसोल.
बाराबनी थाना क्षेत्र अंतर्गत गौरांडी एबीसी कोल ब्लॉक के लिए जमीन अधिग्रहण को लेकर जिलाधिकारी एस पोन्नमबलम ने संबंधित अधिकारियों को लेकर समीक्षात्मक बैठक की. यह कोल ब्लॉक पश्चिम बंगाल मिनरल डेवलपमेंट एंड ट्रेडिंग कॉर्पोरेशन (डब्ल्यूबीएमडीएंडटीसी) को वर्ष 2016 में मिला और वर्ष 2021 तक यहां से कोयला खनन आरंभ करने के लक्ष्य को लेकर कार्य शुरू हुआ. लेकिन 2024 तक भी इस कोल ब्लॉक के जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया भी पूरी नहीं हुई है. जिलाधिकारी श्री पोन्नमबलम ने कहा कि जमीन अधिग्रहण का कार्य जिला परिषद के अधीनस्थ जिला स्तरीय पर्चेस कमेटी (डीएलपीसी) को करना है. प्रथम चरण में 200 एकड़ रैयती जमीन अधिग्रहण को लेकर कार्य तेजी से चल रहा है. 30 एकड़ से अधिक का जमीन अधिग्रहण हो चुका है. इस मुद्दे को लेकर समीक्षात्मक बैठक में सभी पहलुओं पर चर्चा के बाद कार्य में तेजी लाने को कहा गया है. सूत्रों के अनुसार अधिग्रहण के लिए चिह्नित जमीन के मालिकों को चिह्नित करने का कार्य चल रहा है. बीएल एंड एलआरओ से जमीन के मालिकाने का पूरा ब्यौरा मिलने के बाद पंचायत प्रधान से कानूनी उत्तराधिकारी का प्रमाणपत्र मिलने के उपरांत ही जमीन अधिग्रहण किया जायेगा. यहां जमीन मालिकाने को लेकर काफी विवाद है. ऐसे में प्रशासन हर पहलू की जांच के बाद ही आगे बढ़ रहा है.गौरतलब है कि वर्ष 2016 में डब्ल्यूबीएमडीएंडटीसी को गौरांडी एबीसी कोल ब्लॉक मिला. यहां ए, बी और सी तीन ब्लॉक हैं. जिसके लिए 881 एकड़ जमीन का अधिग्रहण करना है. जिसमें से 270 एकड़ जमीन वन विभाग की, 178 एकड़ जमीन राज्य सरकार की और 433 एकड़ जमीन रैयती है. फिलहाल यहां ए और सी ब्लॉक के लिए ही जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हुई है. पहले चरण में 109 एकड़ रैयती जमीन अधिग्रहण का कार्य चल रहा है. इसमें पानुड़िया, जामग्राम, कांटापहाड़ी, अलीगंज और दासकियारी मौजा शामिल हैं. दोनों ब्लॉक में 61.5 मिलियन टन कोयले का खनन करना है. उत्पादन क्षमता सालाना 2.5 मिलियन टन रखी गयी है. इसके तहत यहां 27 वर्षों तक खनन का कार्य चलेगा. बी ब्लॉक काफी घनी ?आबादी वाला क्षेत्र है. यहां जमीन अधिग्रहण की कीमत काफी ज्यादा होगी और अधिग्रहण की प्रक्रिया में भी काफी दिक्कत आ सकती है, इसलिए फिलहाल इसे स्थगित रखा गया है. दोनों ब्लॉकों के लिए कोयला खनन का कार्य अंबे माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड को मिला है.वन विभाग की जमीन के लिए पर्यावरण मंत्रालय की मंजूरी का इंतजार
प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार इस परियोजना में 270 एकड़ जमीन वन विभाग की है. इस जमीन के अधिग्रहण से संबंधित फाइल केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय में अटकी हुई है, जिसके कारण कार्य में तेजी नहीं आ पा रही है. रैयती जमीन का अधिग्रहण आगामी कुछ माह में पूरा होने की उम्मीद जताई जा रही है. वन विभाग की जमीन के लिए मंजूरी नहीं मिलने तक परियोजना का कार्य अधर में लटका रहेगा. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस परियोजना को अपने ड्रीम प्रोजेक्ट्स में से एक बताती रही हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है