बाढ़ नियंत्रण के लिए भारत-भूटान संयुक्त नदी आयोग के गठन की मांग पर प्रस्ताव पेश
राज्य सरकार ने उत्तर बंगाल में हर साल बाढ़ से होने वाले भारी नुकसान के मद्देनजर इस पर नियंत्रण के लिए केंद्र से भारत-भूटान संयुक्त नदी आयोग के गठन की मांग को लेकर शुक्रवार को विधानसभा में प्रस्ताव पेश किया.
प्रस्ताव पर सोमवार को भी सदन में होगी चर्चा
संवाददाता, कोलकाता
राज्य सरकार ने उत्तर बंगाल में हर साल बाढ़ से होने वाले भारी नुकसान के मद्देनजर इसपर नियंत्रण के लिए केंद्र से भारत-भूटान संयुक्त नदी आयोग के गठन की मांग को लेकर शुक्रवार को विधानसभा में प्रस्ताव पेश किया. प्रस्ताव पर सोमवार को भी सदन में चर्चा होगी और इसे विधानसभा से पारित करा कर केंद्र को भेजा जायेगा.
राज्य के संसदीय कार्य मंत्री शोभनदेब चट्टोपाध्याय ने विधानसभा के नियम 169 के तहत यह प्रस्ताव पेश किया. विरोधी दल भाजपा ने इस प्रस्ताव का कड़ा विरोध किया. प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान राज्य के जल संसाधन मंत्री डॉ मानस भुइयां ने कहा कि भूटान की नदियों से आनेवाले पानी से उत्तर बंगाल के कई जिलों में हर साल बाढ़ से जान-माल को भारी नुकसान हो रहा है. उन्होंने कहा कि भूटान से 53 नदियां निकलती हैं, जिसमें से कई उत्तर बंगाल की सीमा की तरफ आती हैं. इससे उत्तर बंगाल में बाढ़ जैसी स्थिति हो जाती है. कई बार भूटान के पानी ने उत्तर बंगाल में बाढ़ ला दी और यह राज्य सरकार के लिए चिंता का बड़ा कारण बन गया है. उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्य सरकार की तरफ से पिछले कई वर्षों से केंद्र को इस संबंध में बार-बार पत्र भेजे जाने के बावजूद उत्तर बंगाल में बाढ़ नियंत्रण के लिए कोई कदम नहीं उठाये जा रहे हैं.
उन्होंने मांग की कि जिस तरह भारत-नेपाल और भारत-बांग्लादेश के बीच संयुक्त नदी आयोग है, उसी तरह बाढ़ नियंत्रण के लिए केंद्र सरकार भारत-भूटान के बीच भी नदी आयोग के गठन के लिए पहल करे. बता दें कि उत्तर बंगाल की सीमाएं भूटान, नेपाल व बांग्लादेश के साथ लगती हैं.
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