पुरुलिया : भाजपा की हुई जीत, तृणमूल का बढ़ा वोट
024 के चुनाव के दौरान भाजपा को 40.34% तथा तृणमूल को 39.15% वोट मिले हैं.
पुरुलिया. पुरुलिया लोकसभा सीट पर एक बार फिर से भाजपा ने कब्जा कर लिया है. इस बार पुलिया लोकसभा सीट पर भाजपा उम्मीदवार ज्योतिर्मय सिंह महतो ने तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार शांति राम महतो को 17079 मतों से पराजित किया. जबकि पिछले लोकसभा चुनाव वर्ष 2019 के दौरान इस सीट पर से भाजपा उम्मीदवार ज्योतिर्मय सिंह महतो तृणमूल को दो लाख 3000 मतों से पराजित किया था. 2019 लोकसभा में भाजपा को 49.3% वोट मिले थे जबकि तृणमूल कांग्रेस को 34.19% वोट मिले थे. 2024 के चुनाव के दौरान भाजपा को 40.34% तथा तृणमूल को 39.15% वोट मिले हैं. हार के बाद भी तृणमूल ने इसे एक तरह से जीत होने का दावा किया है तृणमूल के जिला अध्यक्ष सोमेन बेलथोरिया ने कहा कि इस बार हम लोगों को पिछले लोकसभा चुनाव से एक लाख के लगभग अधिक वोट मिले हैं. बहुत ही कम मतों से टीएमसी उम्मीदवार पराजित हुए हैं. इसके साथ-साथ काशीपुर, जयपुर जैसे दो विधानसभा से भी तृणमूल उम्मीदवार को बढ़त मिली है. ये दोनों विधानसभा क्षेत्रों को भाजपा ने जीता था. पर किन-किन विधानसभा में उनकी उम्मीद से काफी कम वोट मिला इसके लिए पार्टी ने समीक्षा आरंभ कर दी है. प्रत्येक विधानसभा के इंचार्ज के साथ-साथ प्रखंड अध्यक्ष एवं बूथ अध्यक्ष से इसकी समीक्षा कर परिणाम मांगा गया है. इस लोकसभा में तृणमूल ने वोटों की तादाद व मत प्रतिशत दोनों ही बढ़ाया है. हालांकि भाजपा के वरिष्ठ नेता विद्यासागर चक्रवर्ती का कहना है कि उन्हें लगता था कि शायद गत लोकसभा चुनाव से थोड़े कम वोट मिले. लेकिन वोट उम्मीद से कम मिले. उन्हें मार्जिन और अधिक बढ़ानी चाहिए थी. उन्होंने कहा कि जिस तरह से पिछली बार दो लाख से अधिक मतों से भाजपा को जीत हासिल हुई थी, इस बार स्थिति अलग रही. यहां कुड़मी समाज की ओर से सीधे तौर पर लड़ाई के मैदान में उनके नेता को देखा गया. इससे उनके वोट बैंक पर थोड़ा असर पड़ा है. लेकिन उन्हें बाघमुंडी विधानसभा क्षेत्र से अच्छे वोट मिले हैं. इस विधानसभा सीट पर तृणमूल ने जीत हासिल की है. इसके बावजूद वहां से भाजपा को 11280 मतों से बढ़त मिली. उन्होंने कहा बलरामपुर, काशीपुर, जयपुर विधानसभा क्षेत्र में काफी कम वोट मिले. तीनों क्षेत्रों में भाजपा को तृणमूल से कम वोट मिले. जबकि इन विधानसभा सीटों पर भाजपा का कब्जा है. इस विषय में पार्टी ने समीक्षा आरंभ कर दी है. इधर इस बार पुरुलिया नगरपालिका तृणमूल के अधीन होने के बावजूद इस नगर पालिका के 23 में से 20 वार्डों पर तृणमूल को हार का मुंह देखना पड़ा है. इस हार के बाद नगरपालिका के पार्षद तथा पुरुलिया शहर के तृणमूल कांग्रेस के अध्यक्ष प्रदीप डागा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. आदिवासी कुड़मी समाज के मुखिया तथा इस बार के उम्मीदवार अजीत प्रसाद महतो ने कहा कि उन्होंने जिस तरह से अपने वोट की उम्मीद की थी उन्हें उतने वोट नहीं मिले. महज 98658 वोट प्राप्त हुए. हालांकि वे सामाजिक आंदोलन से पीछे नहीं हट रहे हैं. कुड़मी जाति को अनुसूचित जाति में शामिल करने की मांग को लेकर आंदोलन करते रहेंगे. इस बार 20 सितंबर से वे फिर से पुरुलिया के कुसतौर स्टेशन तथा झाड़ग्राम के खेमासोली स्टेशन पर अनिश्चितकाल के लिए रेल रोको आंदोलन आरंभ कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि उनकी मुख्य मांग अब तक पूरी नहीं हुई है. इस कारण वे अपना आंदोलन जारी रखेंगे. कांग्रेस उम्मीदवार नेपाल महतो ने भी कहा उन्हें मात्र 129157 वोट मिले हैं. इतने कम वोट की उम्मीद नहीं थी क्योंकि विधानसभा एवं पंचायत चुनाव के दौरान कांग्रेस एवं माकपा को जो वोट मिले थे वह इससे काफी अधिक था. उन्होंने कहा इस बार माकपा व कांग्रेस ने एक साथ मिलकर चुनाव लड़ा था. इस कारण उन्हें और अधिक वोटों की उम्मीद थी. लेकिन नतीजा ऐसा क्यों हुआ इसकी पूरी समीक्षा की जा रही है.
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