सलीम की उम्मीदवारी को लेकर माकपा में उठे विरोध के स्वर

अमल हाल्दार ने जिस तरह से सलीम की उम्मीदवारी का विरोध किया, उसी तरह अलकेश ने भी सवाल खड़े किये. उन्होंने कहा कि सलीम उम्मीदवार नहीं होते, तो प्रचार और बेहतर ढंग से होता.

By Prabhat Khabar News Desk | June 21, 2024 3:14 AM

कोलकाता. माकपा की दो दिवसीय राज्य कमेटी की बैठक के पहले दिन ही यह सवाल उठा कि राज्य सचिव मोहम्मद सलीम को लोकसभा चुनाव में क्यों उम्मीदवार बनाया गया था. यह सवाल किसान नेता और बर्दवान के पूर्व जिला सचिव अमल हाल्दार ने उठाया था. अब बैठक के दूसरे दिन यानी गुरुवार को अलीमुद्दीन स्ट्रीट की तीसरी मंजिल पर अब्दुल हलीम के कमरे में हो रही बैठक में सलीम को लेकर फिर सवाल खड़े किये गये. इस दिन अलकेश दास ने आवाज उठायी. अलकेश नदिया के पूर्व सांसद हैं. इस बार वह लोकसभा चुनाव में भी राणाघाट सीट से उम्मीदवार थे.

सूत्रों के मुताबिक, अमल हाल्दार ने जिस तरह से सलीम की उम्मीदवारी का विरोध किया, उसी तरह अलकेश ने भी सवाल खड़े किये. उन्होंने कहा कि सलीम उम्मीदवार नहीं होते, तो प्रचार और बेहतर ढंग से होता. मुर्शिदाबाद सीट पर सलीम दूसरे स्थान पर रहे. वामपंथियों में सलीम अकेले थे, जो दूसरे स्थान पर रहे. माकपा सूत्रों के अनुसार, पूर्व राज्य सचिव सूर्यकांत मिश्रा भी पोलित ब्यूरो के सदस्य के रूप में सलीम के पक्ष में खड़े थे. माकपा के एक नेता ने बताया कि, सूर्यकांत ने कहा कि सलीम पोलित ब्यूरो के सदस्य हैं. उन्होंने व्यक्तिगत तौर पर यह तय नहीं किया है कि वह उम्मीदवार होंगे या नहीं. पोलित ब्यूरो ने फैसला किया.

गौरतलब है कि माकपा के पूर्व सांसद सलीम से पहले सूर्यकांत माकपा के राज्य सचिव पद से चुनाव लड़ने वाले एकमात्र उदाहरण थे. 2016 में जब वह राज्य सचिव थे, तब उन्होंने नारायणगढ़ से विधानसभा चुनाव लड़ा था. हालांकि, वह हार गये थे. इसके बाद सूर्यकांत एक भी चुनाव नहीं लड़े. राज्य समिति की बैठक के अंत में, सलीम ने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि ””””””””विस्तारित सत्र”””””””” 23-25 अगस्त को नदिया जिला के कल्याणी में होगा. पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी भी राज्य समिति की बैठक में शामिल हुए थे. सूत्रों के मुताबिक बैठक में उन्होंने बंगाल में पार्टी के खराब नतीजे जारी रहने को लेकर ””””””””चिंता”””””””” जतायी. हालांकि, बाद में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीताराम ने कहा इस बार के लोकसभा चुनाव में राज्य में युवा पीढ़ी की भागीदारी अहम रही.

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