प्रदेश के सभी जिलों में निकाली गयीं शोभायात्राएं
वहीं, विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने महानगर के न्यूटाउन इलाके में एक शोभायात्रा में भाग लिया, जबकि तृणमूल के मंत्री अरूप राय और पार्टी के हावड़ा लोकसभा सीट से उम्मीदवार प्रसून बनर्जी ने हावड़ा शहर में शोभायात्रा में शिरकत की. भाजपा उम्मीदवार अर्जुन सिंह ने बैरकपुर में रामनवमी के पर्व पर शोभायात्रा का नेतृत्व किया. सिंह चुनाव का टिकट नहीं मिलने के बाद हाल में तृणमूल छोड़ कर भाजपा में शामिल हो गये थे.
बांकुड़ा, पुरुलिया, दुर्गापुर, आसनसोल और राज्य के अन्य स्थानों में युवाओं ने ‘जय श्रीराम’ के नारों के साथ शोभायात्रा निकाली. इन यात्राओं में युवाओं ने हाथ में तलवारों की प्रतिकृतियां ली हुई थीं. प्रशासन ने हालांकि सार्वजनिक तौर पर हथियार लेकर चलने पर प्रतिबंध लगाया हुआ है, लेकिन हावड़ा में शोभायात्रा के दौरान तलवारें दिखायी दीं. इस पर भाजपा उम्मीदवार रथिन चक्रवर्ती ने कहा कि रामनवमी के रीति- रिवाजों के अनुसार देवी की पूजा अस्त्र-शस्त्रों से की जाती है. यह परंपरा है और इसमें कुछ भी गैरकानूनी नहीं है.बर्दवान से भाजपा के उम्मीदवार दिलीप घोष भी दुर्गापुर में शोभायात्रा में तलवार के साथ नजर आये. तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी पिछले दो दिन से आरोप लगा रही थीं कि भाजपा 19 अप्रैल को पहले चरण के चुनाव से पूर्व दो समूहों के बीच झड़प के लिए रामनवमी उत्सव का इस्तेमाल करेगी और उनके पार्टी कार्यकर्ताओं को परेशान करने के लिए एनआइए जांच का मार्ग प्रशस्त करेगी. मुख्यमंत्री ने लोगों से भाजपा के जाल में नहीं फंसने का आग्रह किया था.
जादवपुर लोकसभा सीट से तृणमूल उम्मीदवार सायनी घोष ने अपने निर्वाचन क्षेत्र में शोभायात्रा का नेतृत्व किया. उन्होंने कहा कि हम शांतिपूर्ण तरीके से पूजा-अर्चना में विश्वास करते हैं. हम बाहुबल दिखाने में विश्वास नहीं करते. बीरभूम से तृणमूल सांसद शताब्दी राय ने भी अपने निर्वाचन क्षेत्र में शोभायात्रा का नेतृत्व किया.वहीं, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेता तन्मय भट्टाचार्य ने भाजपा और तृणमूल, दोनों पर सांप्रदायिकता की राजनीति का सहारा लेने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि राज्य में रामनवमी इतने भव्य तरीके से कभी नहीं मनायी गयी थी. अधिकारियों ने कहा कि पुलिस और सुरक्षा बल निगरानी रख रहे थे और स्थिति शांतिपूर्ण रही.