आसनसोल/जामुड़िया. जामुड़िया थाना क्षेत्र परसिया इलाके के एक और युवक पर 14 वर्षीय नाबालिग लड़की से शादी करने और 16 वर्ष की उम्र में उसके मां बनने पर लड़के के खिलाफ बलात्कार, पॉक्सो और बालविवाह रोकथाम अधिनियम के तहत मामला दर्ज हो गया. बुधवार को परसिया इलाके के ही एक और युवक के खिलाफ भी इन्ही धाराओं में मामला दर्ज हुआ. उसने 16 साल की लड़की से शादी की और 17 साल में बच्चे का बाप बनते ही उसपर बलात्कार, पॉक्सो और बाल विवाह रोकथाम अधिनियम के तहत मामला दर्ज हो गया है.
नये मामले में नाबालिग ने गत छह अगस्त को आसनसोल जिला अस्पताल में एक बच्ची को जन्म दिया और छुट्टी होने पर घर चली गयी. जिला अस्पताल से स्थानीय आसनसोल साउथ थाने को इसकी सूचना दी गयी. लड़की जामुड़िया इलाके की होने के कारण आसनसोल साउथ थाने की पुलिस ने इसकी सूचना जामुड़िया थाने को दी. थाने से अवर निरीक्षक श्री दे को मामले की जांच के लिए भेजा गया. जांच के उपरांत मिले तथ्यों के आधार पर श्री दे ने थाने में शिकायत की. जिसके आधार पर जामुड़िया थाने में कांड संख्या 369/24 के बीएनएस की धारा 64 और पॉक्सो एक्ट की धारा 4/6 तथा बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम (2006) की धारा 9/10/11/12 के तहत लड़की के पति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हुई है. मामले में गिरफ्तारी नहीं हुई है. पुलिस उपायुक्त (सेंट्रल) ध्रुव दास ने कहा कि नाबालिग लड़की के मां बनने की सूचना के आधार पर प्राथमिक जांच के उपरांत प्राथमिकी दर्ज हुई. कानून के दायरे में पूरी कार्रवाई होगी.गौरतलब है कि नाबालिग लड़कियों की शादी रोकने के लिए कार्रवाई से हड़कंप मच गया है. जिला अस्पताल में प्रतिदिन औसतन 35 बच्चों का जन्म होता है. इसमें नाबालिग बच्चियों के मां बनने की सूचना अस्पताल प्रबंधन पुलिस को दे रही है. जिसके बाद पुलिस की जो कार्रवाई हो रही है वह नाबालिग बच्चियों के पतियों के होश उड़ा दे रही है.
क्या है पूरा मामला ?
गत पांच अगस्त को आसनसोल साउथ थाने के निरीक्षक प्रभारी के ई-मेल से जामुड़िया थाने को एक मैसेज गया. जिसमें बताया गया कि आसनसोल जिला अस्पताल के इएमओ से यह सूचना मिली है कि अस्पताल में एक नाबालिग गर्भवती लड़की दाखिल हुई है. यह लड़की जामुड़िया थाना क्षेत्र के परसिया इलाके की रहनेवाली है. इस सूचना के आधार पर जामुड़िया थाने ने अवर निरीक्षक श्री दे को जांच करने का आदेश मिला. श्री दे ने अपनी शिकायत में लिखा है कि जांच का आदेश मिलते ही वह जिला अस्पताल गये और जिला अस्पताल के अधीक्षक के अलावा अन्य चिकित्सकों से भी बात की. यह बात सामने आयी कि नाबालिग लड़की की शादी परसिया इलाके के एक युवक के साथ हुई थी. दोनों साथ रहते थे, इसी दौरान लड़की गर्भवती हुई और बच्चे को जन्म देने के लिए गत पांच अगस्त को शाम 5.20 बजे जिला अस्पताल में भर्ती हुई. छह अगस्त सुबह 6:35 बजे डॉ.एन अग्रवाल की निगरानी एक बच्ची को जन्म दिया. वह अपनी बच्ची के साथ घर लौट गयी. श्री दे ने लड़की का आधार कार्ड व अन्य प्रासंगिक दस्तावेजों को संग्रह किया. जिससे यह स्थापित हुआ कि गर्भधारण के समय लड़की की उम्र 15 वर्ष थी और उसने 15 वर्ष उम्र में ही बच्ची को जन्म दिया. वर्ष 2023 में 14 साल की उम्र में लड़की की शादी हुई थी. ऐसे में नाबालिग से साथ यौन उत्पीड़न के तहत पॉक्सो एक्ट की धारा 4/6, बलात्कार के लिए बीएनएस की धारा 64 और बाल विवाह रोकथान अधिनियम की धारा 9/10/11/12 के तहत उसके पति को आरोपी बनाया गया.
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