घर बैठे राशन कार्ड में दर्ज नाम-पता आदि में किया जा सकता है संशोधन

राशन कार्ड को अपडेट कराने मसलन नाम-पता या जन्मतिथि में संशोधन कराने में अब ज्यादा दिक्कतों का सामना नहीं करना होगा. घर बैठे भी यह काम हो सकता है.

By Prabhat Khabar News Desk | July 26, 2024 2:01 AM

संवाददाता, कोलकाता

राशन कार्ड को अपडेट कराने मसलन नाम-पता या जन्मतिथि में संशोधन कराने में अब ज्यादा दिक्कतों का सामना नहीं करना होगा. घर बैठे भी यह काम हो सकता है. अभी राशन कार्ड में किसी भी तरह के सुधार के लिए कार्डधारकों को घंटों लाइन में खड़ा रहना पड़ता है. अब राज्य के खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने ‘सेल्फ सर्विस ऑफ राशन कार्ड’ की सुविधा बहाल की है. विभाग की ओर से इसके लिए एक पोर्टल तैयार किया गया है. राज्य के खाद्य मंत्री रथिन घोष ने गुरुवार को विधानसभा में यह जनाकारी दी. सदन में प्रश्न उत्तर काल में खाद्य मंत्री ने बताया कि ‘सेल्फ सर्विस ऑफ राशन कार्ड’ की सुविधा राज्यवासियों को मिल रही है. इसके तहत अब राशन कार्ड में नाम, उम्र में संशोधन के लिए किसी कार्यालय में जाने की जरूरत नहीं है. यह बदलाव घर बैठे विभाग के पोर्टल के जरिये ही किया जा सकता है. खाद्य मंत्री ने गुरुवार को विधानसभा में दावा किया की यह व्यवस्था देश में सबसे पहले पश्चिम बंगाल में शुरू की गयी है. अगर किसी कार्ड धारक के नाम में कोई गलती है या पता बदलना हो या अन्य कोई अशुद्धि सुधारनी हो तो राशन विभाग के ऐप से घर बैठे ही यह बदलाव किया जा सकता है. राशन कार्ड ‘शिफ्टिंग’ यानी अगर आप एक राशन डीलर के बजाय दूसरे राशन डीलर से सामग्री खरीदना चाहते हैं, तो उसके लिए भी ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है. खाद्य मंत्री ने कहा कि इसकी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. श्री घोष ने आगे कहा: ग्राहकों को उत्पीड़न से छुटकारा दिलाने के लिए कई फैसले लिये गये हैं. इस ऐप के जरिये डिजिटल राशन कार्ड भी डाउनलोड किया जा सकेगा.

राशन कार्ड ऑनलाइन सरेंडर कर सकते हैं

खाद्य मंत्री रथिन घोष ने कहा कि अगर कोई ग्राहक राशन कार्ड ‘सरेंडर’ करना चाहता है, या उनमें से कई जो लंबे समय से राशन की दुकान पर नहीं गये हैं, वे ऑनलाइन फॉर्म भरकर ऐसा कर सकते हैं. वहीं, यदि कोई व्यक्ति राशन कार्ड के माध्यम से ””””खाद्यान्न”””” नहीं लेना चाहता है, तो इसे ””सिटी कार्ड”” में बदलने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकता है. इसके अलावा मोबाइल नंबर को राशन कार्ड से ऑनलाइन लिंक और डी-लिंक किया जा सकता है. मंत्री ने बताया कि अब तक 22 लाख लोग इस सेवा का लाभ उठा चुके हैं.

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