बंगाल राशन घोटाला : ईडी जांच के घेरे में बकीबुल के कर्मचारी भी, हुई पूछताछ

इतना ही नहीं, घोटाले में कुछ सहकारिता समितियों की भी भूमिका रही है. उनके जरिये फर्जी किसानों के नाम से बैंक खाते खोले गये थे. पूरे गोरखधंधे में किसानों के बजाय राइस मिलों के मालिकों ने प्रति क्विंटल धान पर 200 रुपये अपनी जेबों में भरी

By Prabhat Khabar News Desk | November 18, 2023 12:29 PM
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कोलकाता : राशन घोटाले में वन मंत्री व पूर्व खाद्य मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक के अलावा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी ) उनके करीबी माने जाने वाले व्यवसायी बकीबुल रहमान उर्फ बकीबुर को भी गिरफ्तार कर चुका है. बकीबुल के नाम पर देश ही नहीं, विदेश में भी करोड़ों की संपत्ति होने का सुराग मिला है. सूत्रों के अनुसार, यह भी पता चला है कि फर्जी किसानों के नाम से खोले गये बैंक खातों में भी बकीबुल की अहम भूमिका रही है. ईडी की ओर से बताया जा चुका है कि घोटाले में कुछ राइस व आटा मिलों के मालिकों के अलावा मध्यस्थता करने वाले एजेंटों के जरिये बड़े पैमाने पर किसानों को ठगा गया.

इतना ही नहीं, घोटाले में कुछ सहकारिता समितियों की भी भूमिका रही है. उनके जरिये फर्जी किसानों के नाम से बैंक खाते खोले गये थे. पूरे गोरखधंधे में किसानों के बजाय राइस मिलों के मालिकों ने प्रति क्विंटल धान पर 200 रुपये अपनी जेबों में भरी. रहमान पर यह आरोप भी लग रहे हैं कि फर्जी किसानों के नाम से खोले गये बैंक खातों में जमा रुपयों का स्थानांतरण उसकी और उसके सहयोगियों के नाम से खोली गयीं कंपनियों के खातों में किया गया. अब इसी मामले की तह तक पहुंचने में ईडी लगा हुआ है और केंद्रीय जांच एजेंसी की जांच के दायरे में बकीबुल के कर्मचारी भी हैं. सूत्रों के अनुसार, शुक्रवार को सॉल्टलेक के सीजीओ कॉम्प्लेक्स में केंद्रीय जांच एजेंसियों के अधिकारियों ने बकीबुल के यहां काम करने वाले छह कर्मचारियों से पूछताछ की है.

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असल में ईडी के अधिकारी इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि फर्जी किसानों के नाम से खोले गये बैंक खातों के जरिये रुपये कहां-कहां और कैसे स्थानांतरित किये गये थे. इसी दिन मामले की जांच के तहत नदिया और उत्तर 24 परगना के कुछ राशन डीलरों से भी पूछताछ की गयी है. इडी की ओर से बताया गया है कि एजेंटों की मदद से घोटाले में शामिल राइस मिलों के मालिकों ने फर्जी किसानों के नाम से बैंक खातों को खुलवाया था. उनके जरिये ही किसानों से कम मूल्य पर धान खरीदे जाते थे. यानी उन किसानों से सरकारी नियमों की अवहेलना कर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के आधार पर धान नहीं खरीदे गये.

इसके बाद सरकारी खाते में दिखाने के लिए फर्जी किसानों के नाम से खोले गये बैंक खातों में रुपये जमा कराये गये, जिसमें उन फर्जी किसानों से एमएसपी के आधार पर धान खरीदने की बात दर्शायी गयी. सूत्रों के अनुसार, इडी की जांच में यह बात भी सामने आयी है कि गिरफ्तार मंत्री के परिजनों को रहमान के जरिये मोटी राशि बतौर ऋण के रूप में मिली थी. इस राशि को लेकर भी तफ्तीश की जा रही है. राशन घोटाले की जांच के तहत अलग-अलग छापेमारी में इडी ने अबतक करीब 1.42 करोड़ रुपये भी जब्त किये हैं. साथ ही शेल कंपनियों के बैंक खातों के करीब 16.87 करोड़ रुपये की राशि फ्रीज भी की गयी है.

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