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पूर्व मेदिनीपुर को तीन पुलिस जिलों में बांटने की सिफारिश

पिछले कुछ वर्षों में पूर्व मिदनापुर में राजनीतिक हिंसा की कई घटनाएं हुई हैं.

राज्य के गृह विभाग ने मुख्यमंत्री कार्यालय को 
भेजा है प्रस्ताव संवाददाता, कोलकाता पिछले कुछ वर्षों में पूर्व मिदनापुर में राजनीतिक हिंसा की कई घटनाएं हुई हैं. जिले में बम विस्फोट कांड से लेकर नेताओं की पीट कर हत्या जैसे कई मामले सामने आये हैं. ऐसे में राज्य सरकार पूर्व मेदिनीपुर जिले में कानून-व्यवस्था बनाये रखने पर अधिक जोर देना चाहती है. इससे पहले, कानून और व्यवस्था बनाये रखने के लिए, पूर्व मेदिनीपुर में नंदीग्राम पुलिस स्टेशन को विभक्त कर और दो पुलिस थाना का गठन किया गया था. वह राज्य के गृह विभाग ने पूर्व मेदिनीपुर जिले को तीन पुलिस जिलों में बांटने का सिफारिश की है. इस संबंध में गृह विभाग पहले ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को प्रस्ताव भेज चुका है. गौरतलब है कि कानून-व्यवस्था बनाये रखने के लिए, राज्य सरकार ने पहले कई बड़े जिलों को पुलिस जिलों में विभक्त किया है. पूर्व मेदिनीपुर जिले का क्षेत्रफल 4,785 वर्ग किलोमीटर है. फिलहाल इस जिले की जिम्मेदारी एक पुलिस अधीक्षक के कंधों पर है. हालांकि, राज्य सरकार का मानना है कि इतने बड़े जिले को एक पुलिस अधीक्षक नहीं संभाल सकता, इसलिए राज्य सरकार पूर्व मेदिनीपुर में तीन पुलिस जिले बनाना चाहती है. पु कांथी, हल्दिया व तमलुक के लिए अलग-अलग पुलिस जिला गठित करने का दिया प्रस्ताव बताया गया है कि प्रारंभ में पूर्व मिदनापुर के तीन क्षेत्रों को पुलिस जिले के रूप में बांटने का प्रस्ताव है – कांथी, हल्दिया और तमलुक. इनमें सबसे बड़ा क्षेत्र कांथी उपमंडल है, जिसका क्षेत्रफल 1,200 वर्ग किलोमीटर से अधिक है. कांथी उपमंडल में सात ब्लॉक हैं. ऐसे में प्रशासन का मानना है कि इतने बड़े इलाके में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने के लिए अलग पुलिस जिला जरूरी है. कांथी महकमा के अंतर्गत महत्वपूर्ण पर्यटन केंद्र – दीघा, मंदारमणि, ताजपुर जैसे क्षेत्र शामिल हैं, जहां हर दिन बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं. परिणामस्वरूप, पर्यटकों की सुरक्षा के लिए एक अलग पुलिस जिला बनाने की आवश्यकता है. वहीं, बंदरगाह नगरी, हल्दिया में खेजूरी और नंदीग्राम जैसे क्षेत्र हैं. ये दोनों क्षेत्र राजनीतिक रूप से तनावपूर्ण हैं. राज्य सरकार का मानना है कि वहां कानून-व्यवस्था को नियंत्रित करने के लिए अलग-अलग पुलिस जिले बनाये जाने चाहिये.लिस जिलों के गठन के साथ ही साइबर क्राइम पुलिस स्टेशनों और महिला पुलिस स्टेशनों की संख्या भी बढ़ायी जायेगी.

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