सागरद्वीप व अन्य तटीय इलाकों में चक्रवात रेमाल का दिखा असर
बिजली, सिंचाई व अन्य विभागों के अधिकारियों के साथ डीएम ने की बैठक
संवाददाता, कोलकाता
चक्रवात ‘रेमाल’ का व्यापक असर पश्चिम बंगाल के तटीय जिलों में रविवार को दिखा. सुबह से ही तटीय इलाकों में तेज हवा और बारिश जारी रही. दक्षिण 24 परगना के सागरद्वीप व अन्य तटीय इलाकों में इसका काफी असर देखा गया. दक्षिण 24 परगना में भी प्रशासन ने सोमवार तक रेड अलर्ट जारी किया है. नदी व समुद्र में मछली पकड़ने पर पाबंदी लगायी गयी है. तटीय इलाकों में रविवार की देर शाम तक प्रशासन की ओर से सतर्कता के लिए माइकिंग की गयी. नदी के किनारे व कुछ तटीय इलाकों में मौजूद बस्तियों में रहने वाले लोगों को सुरक्षा के लिहाज से दूसरी जगह ठहराया गया है. उन जगहों में स्कूल व आश्रम शामिल हैं. इस दिन भी सतर्कता व तैयारियों को लेकर दक्षिण 24 परगना के डीएम सुमित गुप्ता ने विद्युत, सिंचाई व अन्य विभागों के अधिकारियों के साथ काकद्वीप में बैठक की. डीएम का कहना है चक्रवात रेमाल के मद्देनजर प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट है. राहत व बचाव के लिए पूरी तरह से व्यवस्था की गयी है. काकद्वीप एसडीओ कार्यालय में कंट्रोल रूम खोला गया है. हर स्थिति पर नजर रखी जा रही है. प्रशासन की ओर से कंट्रोल रूम कैनिंग एसडीओ कार्यालय, गोसाबा और बासंती ब्लॉक कार्यालय में भी खोले गये हैं. एनडीआरएफ टीम की तैनाती गोसाबा, कुलतली, हिंगलगंज व अन्य तटीय इलाकों में भी है. काकद्वीप के घोड़ामारा, मौसूनी, फ्रेजरगंज, गोबर्धनपुर इलाकों में विशेष नजर रखी जा रही है. यहां पर्याप्त पेजयल व सूखे भोजन की भी व्यवस्था रखी गयी है. काकद्वीप समेत जिले के अन्य तटीय इलाकों फेरी सेवा बंद रखे गये हैं, जबतक हालात सामान्य नहीं हो. सुंदरवन विकास मंत्री बंकिम हाजरा ने कहा कि सतर्कता, व्यवस्था और तैयारियों को लेकर जिला प्रशासन व डीएमजी के अधिकारियों के साथ बैठक हुई है.
नदी किनारे व कुछ तटीय इलाकों में मौजूद बस्तियों में रहने वाले लोगों को सुरक्षा के लिहाज से दूसरी जगह ठहराया गया है. रविवार की शाम तक जिले में ऐसे लोगों की संख्या करीब 1.40 लाख थी. जिले में करीब 626 रिलीफ कैंप बनाये गये हैं.
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