संवाददाता, कोलकाता चक्रवाती तूफान ‘रेमाल’ ने कोलकाता, उत्तर व दक्षिण 24 परगना सहित राज्य के कई जिलों में भारी तबाही मचायी है. तूफान की वजह से अलग-अलग घटनाओं में छह लोगों की जान चली गयी है. तटीय इलाकों में आधारभूत संरचना और संपत्ति को काफी नुकसान पहुंचा है. तूफान के कारण बीती रात 135 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चली थीं. इसके प्रभाव में सोमवार को भी बारिश जारी रही. राज्य आपदा प्रबंधन के एक अधिकारी ने बताया कि मध्य कोलकाता के इंटाली में रविवार शाम को मूसलाधार बारिश के बीच मकान का छज्जा गिरने से मोहम्मद साजिद नाम के शख्स की मौत हो गयी. इस चक्रवाती तूफान ने बंगाल के सागर द्वीप और बांग्लादेश के खेपुपाड़ा के बीच के तटीय इलाकों में भारी तबाही मचायी. कोलकाता और राज्य के अन्य तटीय जिलों में झोपड़ियों की छत हवा में उड़ गयीं, पेड़ उखड़ गये और बिजली के खंभे गिर गये. कोलकाता सहित राज्य के कई हिस्सों में बिजली की आपूर्ति प्रभावित हुई. सप्ताह के पहले कार्य दिवस की सुबह कोलकाता के कई इलाकों में जलजमाव की स्थिति देखी गयी. वहीं, सियालदह टर्मिनल स्टेशन से उपनगरीय ट्रेन सेवाएं कम से कम तीन घंटे के लिए आंशिक रूप से निलंबित रहीं, जिस कारण यात्रियों को खासी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. चक्रवाती तूफान ‘रेमाल’ के मद्देनजर कोलकाता हवाई अड्डे पर उड़ान सेवाएं 21 घंटे तक निलंबित रहने के बाद सोमवार सुबह बहाल हुईं. हवाई अड्डे से जुड़े सूत्रों ने बताया कि स्थिति सामान्य होने में कुछ और समय लगेगा. सामान्य स्थिति बहाल करने के प्रयास जारी हैं. आपातकालीन सेवाएं प्रभावित क्षेत्रों में मलबा हटाने और बिजली बहाल करने के काम में जुटी हैं. अधिकारियों के मुताबिक, तूफान से हुए नुकसान का आकलन किया जा रहा है. राज्य सरकार ने प्रभावित लोगों को भोजन, पेयजल और चिकित्सा सहायता प्रदान करते हुए राहत अभियान शुरू कर दिया है. अधिकारियों ने लोगों से घरों के अंदर रहने और आवश्यक सावधानी बरतने का आग्रह किया है. अभी भी कई हिस्सों में बारिश जारी है. एक मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि कोलकाता में रविवार को सुबह साढ़े आठ बजे से सोमवार सुबह साढ़े पांच बजे के बीच 146 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गयी. कोलकाता में अधिकतम हवा की गति 74 किलोमीटर प्रति घंटे दर्ज की गयी. जबकि दमदम में हवा की अधिकतम गति 91 किमी प्रति घंटे रही. कोलकाता के सदर्न एवेन्यू, लेक प्लेस, चेतला, डीएल खान रोड, डफरिन रोड, बालीगंज रोड, न्यू अलीपुर, बेहाला, जादवपुर, गोलपार्क, हथीबागान, जगत मुखर्जी पार्क और कॉलेज स्ट्रीट में पेड़ उखड़ गये. सॉल्टलेक क्षेत्र से सटे इलाकों में पेड़ उखड़ने की खबरें मिलीं. एक अधिकारी ने बताया कि प्रशासन ने 2,07,060 लोगों को 1,438 सुरक्षित आश्रयों में पहुंचाया. वर्तमान में वहां 77,288 लोग हैं. इस समय 341 रसोई के माध्यम से उन्हें खाना पहुंचाया जा रहा है. तटीय और निचले इलाकों में प्रभावित लोगों को 17,738 तिरपाल वितरित किये गये हैं. प्रभावित क्षेत्रों में काकद्वीप, नामखाना, सागर द्वीप, डायमंड हार्बर, फ्रेजरगंज, बकखाली और मंदारमणि शामिल हैं. चक्रवात के कारण तटबंधों में मामूली दरारें आ गयी थीं, जिनकी तुरंत मरम्मत कर दी गयी. चक्रवात ‘रेमाल’ के कारण तटीय क्षेत्रों में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. पश्चिम बंगाल और पड़ोसी बांग्लादेश दोनों जगहों पर महत्वपूर्ण बुनियादी संरचना को क्षति की सूचना मिली है. चक्रवाती तूफान कमजोर पड़ा: ‘रेमाल’ सोमवार को सुबह तक कमजोर पड़ गया और हवा की रफ्तार 80 से 90 किलोमीटर प्रति घंटे हो गयी. रेमाल रविवार मध्यरात्रि के आस-पास पश्चिम बंगाल तट पर पहुंचा था. मौसम विभाग के मुताबिक, सुबह साढ़े पांच बजे सागरद्वीप से 150 किलोमीटर उत्तरपूर्व में स्थित चक्रवाती तूफान की वजह से कोलकाता में तेज बारिश हुई और पश्चिम बंगाल के तटीय जिलों में रातभर बारिश होती रही. मौसम कार्यालय ने बताया कि दक्षिण बंगाल के अन्य स्थान जहां सुबह तक भारी वर्षा हुई, उनमें हल्दिया (110 मिमी), तमलुक (70 मिमी) और निमपिथ (70 मिमी) शामिल है. मौसम वैज्ञानिकों ने कोलकाता, नदिया और मुर्शिदाबाद सहित दक्षिणी जिलों में मंगलवार को सुबह तक तेज हवाओं के साथ-साथ एक या दो बार तेज बारिश होने की संभावना जतायी है.
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