शिवशंकर ठाकुर, आसनसोल
औद्योगिक जिले के रूप में पूरे देश में मशहूर पश्चिम बर्दवान में बंद पड़े उद्योगों की जमीन की स्टेटस रिपोर्ट तैयार की जा रही है. यह रिपोर्ट राज्य सरकार के उद्योग विभाग के निर्देश पर जिला प्रशासन तैयार कर रहा है. फिलहाल सात बंद पड़े उद्योगों की 2095.42 एकड़ जमीन की स्टेटस रिपोर्ट तैयार हुई है. इन जमीनों को क्या राज्य सरकार अधिग्रहण करेगी? क्या इन जमीनों को इंडस्ट्रियल लैंड बैंक में शामिल किया जायेगा? क्या राज्य सरकार इन जमीनों को उद्योगपतियों को आवंटित कर नये उद्योग लगाने की दिशा में प्रयास कर रही है? इन सारे सवालों का सही जवाब फिलहाल नहीं मिला है. जिलाधिकारी एस पोन्नमबलम ने कहा कि उद्योग विभाग ने बंद पड़े उद्योगों की स्टेटस रिपोर्ट मांगी है. इसका लीगल स्टेटस क्या है? इसकी भी जानकारी मांगी गयी है. रिपोर्ट तैयार हो रही है, जिसे उद्योग विभाग को भेजा जायेगा. उसके बाद आगे जैसा निर्देश मिलेगा, उसपर अमल होगा.गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में उद्योगों के लिए जमीन अधिग्रहण सबसे बड़ी चुनौती है. ऐसे में नये उद्योग लगने की प्रक्रिया लंबी होती जा रही है. जहां भी उद्योगों के लिए जमीन अधिग्रहण हुआ है, हर जगह विवाद चल रहा है. प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार राज्य सरकार ने इन विवादों से परे हटकर बंद पड़े उद्योगों की जमीनों के अधिग्रहण का निर्णय लिया है. जिसमें सरकारी, गैर सरकारी, सभी उद्योगों को शामिल किया गया है. कुछ दिनों पहले उद्योग विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम ने बंद पड़ी हिंदुस्तान केबल्स लिमिटेड की रूपनारायणपुर इकाई का दौरा किया था. उसके बाद जिलाधिकारी ने भी इसका दौरा किया. जिससे लोगों की उम्मीद जगने लगी है कि यहां नये सिरे से उद्योग स्थापित होगा.
राज्य सरकार बंद पड़े उद्योगों की जमीन का कर सकती है अधिग्रहण
कानूनी प्रावधान के तहत राज्य सरकार बंद पड़े उद्योगों की जमीन का अधिग्रहण कर सकती है. प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार वेस्ट बंगाल एस्टेट अधिग्रहण एक्ट 1953 की धारा 6(3) में राज्य सरकार बंद पड़े उद्योगों की जमीन का अधिग्रहण कर सकती है. इसमें पांच अप्रैल 1955 के पहले की जो जमीन उद्योग के नाम पर होगी और उसका उपयोग उद्योग के लिए नहीं हो रहा है, उन्हीं जमीनों का ही राज्य सरकार अधिग्रहण कर सकती है. उक्त सात उद्योगों में से तीन उद्योग एचसीएल रूपनारायनपुर, सेलरेले आसनसोल और आसनसोल पिलक्लिंटन ग्लास फैक्टरी का निर्माण वर्ष 1955 के पहले हुआ है.
किन-किन बंद उद्योगों की जमीनों को लेकर बनी है स्टेटस रिपोर्ट?
केस एक
हिंदुस्तान केबल्स लिमिटेड (एचसीएल) रूपनारायनपुर इकाई की कुल जमीन 947.23 एकड़ बतायी गयी है. जिसमें 511.04 एकड़ खाली जमीन, 332.4 एकड़ जमीन पर कंस्ट्रक्शन, 54.9 एकड़ जमीन पर अतिक्रमण, तालाब व अन्य क्षेत्र की 48.85 एकड़ जमीन है. जमीन को लेकर अदालत में कोई मामला नहीं है. यह पब्लिक सेक्टर इकाई है.केस दो
हिंदुस्तान फर्टिलाइजर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचएफसीएल) दुर्गापुर इकाई की कुल जमीन 541 एकड़ बतायी गयी है. जिसमें 468 एकड़ खाली जमीन, 73 एकड़ जमीन पर कंस्ट्रक्शन, अतिक्रमण नहीं है, कहीं भी तालाब या अन्य कुछ जमीन पर नहीं है, कोई कानूनी विवाद भी नहीं है. यह पब्लिक सेक्टर इकाई है. केस तीनमाइनिंग एंड अलाइड मशीनरी कॉर्पोरेशन (एमएएमसी) दुर्गापुर की कुल जमीन 193.67 एकड़ बतायी गयी है. जिसमें 153.4 एकड़ जमीन खाली, 40.27 एकड़ जमीन पर कंस्ट्रक्शन, अतिक्रमण नहीं है, कहीं भी तालाब व अन्य कुछ जमीन पर नहीं है. कानूनी विवाद कुछ नहीं है. यह पब्लिक सेक्टर इकाई है.
केस चारभारत ऑप्थेलमिक ग्लास लिमिटेड (बीओजीएल) दुर्गापुर की कुल जमीन 46.51 एकड़ बतायी गयी है. जिसमें 21.57 एकड़ जमीन खाली, 9.94 एकड़ जमीन पर कंस्ट्रक्शन, अतिक्रमण नहीं है, 15 एकड़ जमीन पर तालाब या अन्य कुछ है. कोई कानूनी मामला नहीं है. यह एक पब्लिक सेक्टर इकाई है.
केस पांचसेनरेले इंडस्ट्रीज ऑफ इंडिया, आसनसोल की कुल जमीन 239.1 एकड़ बतायी गयी है. जिसमें 178.42 एकड़ जमीन खाली है, 40.86 एकड़ जमीन पर कंस्ट्रक्शन है, 3.02 एकड़ पर अतिक्रमण है, 16.81 एकड़ जमीन पर तालाब या अन्य कुछ है. उच्च न्यायालय में एक रिट पिटीशन है. यह निजी मालिकाने की जमीन है.
केस छहकेसोराम रेयोन इंडस्ट्रीज, कुल्टी की कुल जमीन 71.43 एकड़ बतायी गयी है. जिसमें 43.14 एकड़ जमीन खाली है, 5.54 एकड़ जमीन पर कंस्ट्रक्शन है, 16 एकड़ जमीन पर अतिक्रमण है और 6.75 एकड़ जमीन पर तालाब व अन्य कुछ है. इसपर पश्चिम बंगाल लैंड रिफॉर्म्स एंड टेनैंसी ट्राइब्यूनल (एलआरटीटी) में मामला है. यह निजी मालिकाने की जमीन है.केस सात
आसनसोल पिलक्लिंटन ग्लास फैक्टरी, आसनसोल की कुल जमीन 56.48 एकड़ है. जिसमें 19.46 एकड़ जमीन खाली है, 13.23 एकड़ जमीन पर कंस्ट्रक्शन है, 4.39 एकड़ जमीन पर अतिक्रमण है, 19 एकड़ जमीन पर तालाब या अन्य कुछ है. इसपर एक रिट पिटीशन कलकत्ता उच्च न्यायालय में दायर है. यह निजी मालिकाने की जमीन है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है