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बर्दवान के तेजगंज जाकर अंडरपास का जायजा लेंगे इंजीनियर, सुनेंगे शिकवे

बर्दवान-दुर्गापुर संसदीय क्षेत्र में तेजगंज ग्राम से लगे जीटी रोड पर बने अंडरपास को लेकर वर्षों से चली आ रही समस्या के मुद्दे पर सोमवार को यहां सर्किट हाउस में सांसद कीर्ति आजाद के नेतृत्व में त्रिपक्षीय बैठक हुई.

दुर्गापुर.

बर्दवान-दुर्गापुर संसदीय क्षेत्र में तेजगंज ग्राम से लगे जीटी रोड पर बने अंडरपास को लेकर वर्षों से चली आ रही समस्या के मुद्दे पर सोमवार को यहां सर्किट हाउस में सांसद कीर्ति आजाद के नेतृत्व में त्रिपक्षीय बैठक हुई. इसमें नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआइ) के प्रोजेक्ट डायरेक्टर मनीष कुमार, चिल्ड्रेन वेलफेयर सोसाइटी के सचिव उत्पल दत्त, जयदीप मुखर्जी, निशीथ हाटी के अलावा एसबीएसटीसी के चेयरमैन सुभाष मंडल आदि मौजूद थे. घंटाभर चली बैठक में तेजगंज में अंडरपास को लेकर मसले पर चर्चा हुई. सांसद ने एनएचएआइ के अधिकारी से मसले के हल में सहयोग की अपील की. सांसद कीर्ति आजाद ने बताया कि तेजगंज अंडरपास का मसला पुराना है. स्थानीय लोगों की मांग थी कि तेजगंज में केटीएम शोरूम के पास अंडरपास बनाया जाये. लेकिन एनएचएआइ ने वहां से एक किलोमीटर दूर अंडरपास बना रखा है, जिससे आसपास के ग्रामीणों को एक किलोमीटर पैदल जाकर अंडरपास से गुजरना पड़ता है, जो काफी कष्टकर है. त्रिपक्षीय बैठक के दौरान एनएचएआइ के अधिकारी ने आश्वस्त किया कि तेजगंज में इंजीनियर भेज कर स्थिति की जानकारी ली जायेगी. यह जाना जायेगा कि ग्रामीणों को क्या दिक्कत है. इस दिशा में एनएचएआइ से यथासंभव सहयोग मिलेगा. बैठक में शामिल वेलफेयर सोसाइटी के सचिव उत्पल दत्त ने कहा कि एनएचएआइ ने एक वर्ष पहले गलत स्थान पर अंडरपास बना दिया है, जिससे तेजगंज व आसपास के गांवों में रहनेवाले हजारों लोगों को परेशानी हो रही है. हर दिन लोगों को एक किलोमीटर दूर जाकर अंडरपास से गुजरना पड़ता है. गलत जगह अंडरपास बनने से करीब 30 हजार लोग प्रभावित हैं. इसमें तेजगंज, स्कूलपाड़ा, कैनल बांध, बालमहाट, मोहनबाग, गढ़ आदि गांव शामिल हैं. मालूम रहे कि जीटी रोड पर अंडरपास की मंजूरी 20 वर्ष पहले ही हुई थी, जिसकी खबर मिलते ही वर्ष 2004 से ग्रामीण अंडरपास स्थल को बदलने की मांग कर रहे हैं.

इसे लेकर हालिया वर्षों में कई बार उग्र आंदोलन भी हुए हैं. कई आंदोलनकारियों को जेल भी जाना पड़ा है. लेकिन एनएचएआइ प्रबंधन अपने फैसले पर अड़ा रहा है. इस मुद्दे पर पूर्व सांसद एसएस अहलूवालिया से भी अपील की गयी थी, पर बात नहीं बनी. अब नवनिर्वाचित सांसद कीर्ति आजाद से आवेदन के बाद उन्होंने इस मामले को लेकर बैठक बुलाई है. उम्मीद है की अब वर्षो से चली आ रही समस्या का समाधान हो पाएगा.

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