कांग्रेस व वाममोर्चा गठबंधन में दरार बरकरार
लोकसभा चुनाव के तीन चरणों का मतदान संपन्न हो गया है. लेकिन पश्चिम बंगाल में कांग्रेस व वाममोर्चा गठबंधन के बीच अब भी नाराजगी के बादल पूरी तरह से छंटे नहीं हैं.
कोलकाता. लोकसभा चुनाव के तीन चरणों का मतदान संपन्न हो गया है. लेकिन पश्चिम बंगाल में कांग्रेस व वाममोर्चा गठबंधन के बीच अब भी नाराजगी के बादल पूरी तरह से छंटे नहीं हैं. उदाहरण के तौर पर घाटाल सीट गठबंधन के तहत कांग्रेस को मिली था. यहां से तृणमूल ने टॉलीवुड अभिनेता देव को उम्मीदवार बनाया है, तो भाजपा ने भी टॉलीवुड अभिनेता हिरण पर दांव खेला है. कांग्रेस की ओर से इस सीट पर बतौर प्रार्थी पापिया चक्रवर्ती का नाम सोशल मीडिया पर घोषित कर दिया गया था. लेकिन अंत में उन्हें पीछे हटना पड़ा. पापिया ने बताया कि कांग्रेस ने उम्मीदवारों की जो लिस्ट जारी की थी, उसमें उनका नाम था. लेकिन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी के मौखिक निर्देश पर वह चुनाव मैदान से हट गयीं. अधीर ने माकपा के कहने पर उन्हें उम्मीदवारी से हटने को कहा था, क्योंकि माकपा पर भाकपा का दबाव था. वहीं, कूचबिहार और पुरुलिया में वे लोग फ्रेंडली फाइट कर रहे हैं. हकीकत यह है कि बंगाल की राजनीति थोड़ी अलग है. भाकपा और माकपा राहुल गांधी के खिलाफ केरल में लड़ रही हैं. यहां कांग्रेस, वाममोर्चा के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ रही है. पुरुलिया में कांग्रेस उम्मीदवार के खिलाफ बगावत करते हुए वाममोर्चा के घटक दल फारवर्ड ब्लॉक व कूचबिहार में घटक दल के उम्मीदवार मुकाबला कर रहे हैं. पूरे प्रकरण में माकपा केवल मध्यस्थ की भूमिका में ही रही. वह न तो कांग्रेस को नाराज करना चाहती है और न ही घटक दलों के खिलाफ जा पा रही है. कुल मिलकर कांग्रेस-वाममोर्चा गठबंधन में दरार अब भी बरकरार है.
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